बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब का धंधा बदस्तूर जारी है लेकिन अब नीतीश सरकार ने शराब माफियाओं पर अंकुश लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। सरकार ने ईडी को 21 शराब माफियाओं की राज्य के अलावा राज्य के बाहर भी अर्जित अवैध संपत्ति को जब्त करने के लिए अपना प्रस्ताव भेजा है। ईडी द्वारा इस पर एक्शन लेते हुए तीन के खिलाफ इसीआर दर्ज भी कर लिया गया है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

इस सूची में जिन लोगों के नाम हैं उन सभी शराब माफियाओं की अवैध संपत्ति जब्त करने के लिए सरकार ने पीएमएल यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्री एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजा है।

पीएमएल के तहत ईडी ही एक ऐसी एजेंसी है जो कार्रवाई करने में सक्षम है. अब तक लगभग 4 बड़े शराब माफियाओं की करोड़ों की संपत्ति ईडी ने जब्त की है। दरअसल मद्य निषेध विभाग की टीम जिस तरीके से शराब बंदी कानून का सख्ती से अनुपालन कराने के लिए बिहार के बाहर के शराब माफियाओं के गिरफ्तारी कर रही है वैसे मैं इन माफियाओं द्वारा अर्जित की जाने वाली संपत्ति पर भी विभाग की नजर है।

यह तस्कर बिहार में शराबबंदी कानून की अवहेलना कर बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी करते रहे हैं और इसकी आड़ में अवैध संपत्ति का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया है।

इन शराब माफियाओं के बैंक खाते से पता चलता है कि भारी-भरकम राशि का लेन देन शराबबंदी कानून के बावजूद जारी है। मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी जो सूची तैयार की गई है उसके बाद एक अगली सूची में बड़े पैमाने पर तस्करों का नाम इसी को भेजा जाएगा। इन सब विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस तरह की कार्रवाई का मकसद बिहार में शराबबंदी कानून को और प्रभावी बनाना है. हाल के दिनों में मद्य निषेध विभाग ने जिन शराब तस्करों को बिहार के बाहर से गिरफ्तार किया है उनमें झारखंड से विपिन कुमार सिंह, अनिल कुमार सिंह, पश्चिम बंगाल से राहुल तिवारी, राजेश तिवारी, रमेश तिवारी गोरखपुर के सचिन कुमार पांडेय, पंजाब के पटियाला का निशान सिंह हरियाणा के भिवानी और हिसार से नरेश कुमार सोमबीर और विनोद कुमार काली जैसे नाम प्रमुख हैं।