नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की दूसरी रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में तंबाकू और शराब के सेवन करने वालों की संख्या में कमी आई है। वहीं महिलाओं पर घरेलू हिंसा के केस बढ़े हैं। भारत में 59% महिलाओं को बाजार, हॉस्पिटल या गांव से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती है।

79% महिलाएं पति के जुल्म चुपचाप सहती हैं
देश में महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ ही उन पर घरेलू हिंसा भी बढ़ती जाती है। 18 से 19 साल की 17% महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हैं, जबकि 40-49 साल की 32% महिलाओं को यह दंश झेलना पड़ रहा है। NFHS-5 की रिपोर्ट के अनुसार, 79.4% महिलाएं कभी भी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करतीं। सेक्सुअल हिंसा के केस में तो 99.5% महिलाएं चुप्पी साध लेती हैं। जिनके पति अक्सर शराब पीते हैं, ऐसी 70% महिलाओं ने उनकी हिंसा झेली है। 23% महिलाएं ऐसी भी हैं, जिनके पति शराब नहीं पीते, फिर भी हिंसा का शिकार होती हैं। शहरों के मुकाबले गांवों में घरेलू हिंसा ज्यादा आम है।

2 बेटियों वाली 65% मांओं को नहीं चाहिए बेटे
आज भले ही बेटियां कई क्षेत्रों में बेटों से आगे निकल गई हों, लेकिन परिवार में एक बेटा होने की ख्वाहिश अब भी बरकरार है। NFHS-5 का ताजा सर्वे कहता है कि सिर्फ दो बेटियों वाली 65% महिलाओं को बेटे की ख्वाहिश नहीं है, जबकि 35% ऐसा चाहती हैं। वहीं, सिर्फ दो बेटों वाली 91% मांओं को बेटी की तमन्ना नहीं है। पुरुषों के मामले में भी कमोबेश यही आंकड़ा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 15-49 साल की 70% विवाहित महिलाएं और बच्चे नहीं चाहती हैं। हालांकि, 2015-16 में यह आंकड़ा 68% ही था। वहीं, महिलाएं अब छोटा परिवार ही चाहती हैं। 2015-16 में जो औसत 2.2 पर था, वो गिरकर 2.1 पर आ गया है।

शराब और तंबाकू खाने वाले घटे
देश में शराब और तंबाकू का सेवन करने वाले घट रहे हैं। 2015-16 में 29% लोग शराब पीते थे और 45% लोग तंबाकू खाते थे, लेकिन 2019-21 में शराब पीने वाले 22% और तंबाकू का सेवन करने वाले 39% पर आ गए हैं। नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे-5 (NFHS-5) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
वहीं, तंबाकू खाने वाली महिलाओं में भी 3% (7% से 4% पर) की कमी आई है। अच्छी खबर ये भी है कि महिला और पुरुष दोनों में हर रोज फ्राइड फूड खाने की आदत में कमी आई है। हालांकि, पिछले चार साल में स्लिम महिलाओं का आंकड़ा 23% से लुढ़ककर 19% पर आ गया है।