आरोप:दु’ष्कर्म की जानकारी मिलनेे के बाद मौर्या पब्लिक स्कूल का हॉ’स्टल होने लगा खाली

कहा जाता है कि जब काल मनुष्य पर छाता है पहले विवेक मर जाता है और विनाश काले विपरीत बुद्धि। ठीक इसी तरह की कहावतें बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के दक्षिणी हनुमान -नाला रोड स्थित मौर्या पब्लिक स्कूल के संचालक के साथ में भी चरितार्थ हो गया। कड़ी मेहनत के बल पर स्कूल संचालक सह प्राचार्य रंजीत कुमार सिन्हा ने महज कुछ बच्चों को लेकर यहां स्कूल का संचालन शुरू किया था। जिसमें उनके अपने कुछ करीबी ने भरपूर सहयोग किया। किंतु उनके साथ भी इनकी नहीं घटी।

पैसे की लेनदेन के कारण स्कूल संचालन में सहयोग करने वाले उनके एक खास रिश्तेदार के साथ भी अनबन हो गई। फिर करीब 6 वर्ष पूर्व यह विद्यालय दो भागों में विभक्त हो गया। मौर्या पब्लिक स्कूल का संचालन रंजीत कुमार सिन्हा और उनके भाई परविंदर कुमार सिन्हा के हाथों में आ गया और उनके रिश्तेदार दूसरे स्कूल खोल लिए। फिर दोनों भाइयों ने कड़ी मेहनत की।

जिससे मौजूदा समय में इस विद्यालय में करीब 220 विद्यार्थी पठन-पाठन कर रहे थे। जिसमें डेढ़ सौ से ऊपर विद्यार्थी छात्रावास में ही रहते थे। लेकिन एकाएक एक छात्रा के साथ घिनौनी हरकत किए जाने के बाद यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और मीडिया में इस तरह की खबर आने के बाद यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक अपने बच्चे- बच्चियों को स्कूल के हॉस्टल से अपने साथ ले गए। अब यहां गिने -चुने हुए सिर्फ वैसे बच्चे ही रह गए हैं ,जिनके अभिभावक दूर-दराज में हैं।

बताया जाता है कि दो-तीन दिनों के अंदर बाकी बचे हुए बच्चों के अभिभावक भी आकर अपने बच्चों को वापस ले जाएंगे। इस तरह से यह विद्यालय एकाएक आसमान से गिरकर रसातल में चला गया। इससे विद्या की मंदिर में इस तरह के घिनौनी हरकत करने वाले को सबक सीखना चाहिए कि किसी ऊंचाई तक पहुंचने के लिए काफी समय बिताना पड़ता है लेकिन थोड़ी सी गलती के कारण एकाएक वैसे लोग रसातल में पहुंच जाते हैं और समाज में भी काफी बदनामी होती है।

परिवार के लोगों के बीच में वैसे लोग मुंह दिखाने लायक नहीं होते। इधर इस घटना की लीपापोती करने करने के प्रयास भी शुरू होने लगे हैं। बता दें कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहुंच, पैरवी और पैसे के बल पर मैनेज करने का भी प्रयास होने लगा है।

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