रेल इंजन को कबाड़ में बेचने का मामला,हेल्पर के बयान से खुलासा

समस्तीपुर। समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के समीप खड़े स्टीम इंजन को बेचने का असली मास्टर माइंड सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजीव रंजन झा है। यह जानकारी रेलवे न्यायालय में आत्मसमर्पण के बाद रिमांड पर लिए गए हेल्पर सुशील कुमार यादव ने पूछताछ में दी।

आरपीएफ की ओर से फरार घोषित करने और संपत्ति कुर्क करने का इश्तेहार लगाने के बाद रेलवे न्यायालय खगडिय़ा में उसने आत्मसमर्पण किया था। हेल्पर को आरपीएफ ने तीन दिनों के लिए रिमांड पर लिया था।

 

पूछताछ में उसने बताया कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर के कहने पर ही पूरा काम किया जाता था। सीनियर सेक्शन इंजीनियर और ठीकेदार पंकज कुमार ढनढानिया अब भी फरार हैं। दोनों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई तेज कर दी गई है।

फरार ठीकेदार पंकज ढनढानिया के गिरफ्तार भाई नीरज ढनढानिया की पत्नी गंगा ने कुर्की का इश्तेहार लगाने के बाद रेलवे न्यायालय खगडिय़ा में आवेदन दिया है। इसमें बताया है कि आरपीएफ ने गलत इश्तेहार लगाया। इस घर की मालिक वीणा देवी हैं, जिसमें नीरज का परिवार रहता है।

इस परिसर में उसके पति नीरज के फर्म श्री शंकर स्टील का सामान रहता है। इसमें फरार पंकज का कोई भी सामान नहीं है। पंकज का फर्म श्री भवानी स्टील के नाम से है। इंजन बेचने में गलत तरीके से नीरज को पूर्व में ही आरपीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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