मुजफ्फरपुर। औराई प्रखंड के औराई पंचायत भवन को तोड़े जाने के मामले में मुखिया की भूमिका विवाद के घेरे में आ गई है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी सुषमा कुमारी ने डीएम प्रणव कुमार को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि पंचायत भवन तोडऩे के पूर्व मुखिया उमा शंकर गुप्ता ने सक्षम प्राधिकार की अनुमति नहीं ली।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि विधायक निधि से बने अपूर्ण पंचायत भवन को तोडऩे में विहित प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ।विदित हो कि वर्ष 2004-05 में विधायक फंड से पंचायत भवन का निर्माण शुरू किया गया। दो लाख 67 हजार की योजना में से 1.71 लाख रुपये खर्च किए गए। इसमें से मापी पुस्त 1.21 लाख रुपये की है।
इस हिसाब से करीब 50 हजार रुपये का खेल निर्माण में भी किया गया। इस भवन को अचानक तोड़ दिया गया। मीडिया में खबर आने के बाद इसकी जांच शुरू हुई। जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने मामले की जांच में पाया कि पंचायत भवन तोडऩे के बाद उसका मलबा वहां से हटा दिया गया।
इसे धनेश्वर राय नामक व्यक्ति के घर के पास रख दिया गया। जांच में यह बात सामने आई कि मलबे की मात्रा कम है। यह संपूर्ण भवन का नहीं है। इससे माना जा रहा कि इस मलबे की बिक्री कर दी गई या लोग उठा ले गए।


