पटना : बिहार में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 2 अधिकारियों की मुश्कलें आने वाले समय में बढ़ने वाली हैं. प्रदेश के तीनों शीर्ष अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोपों की समीक्षा के बाद बिहार सरकार ने इन अधिकारियों पर कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। प्रदेश सरकार के आदेश की प्रति मिलते ही इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने की संभावना है।

बता दें कि एक आईएएस और दो आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इसके बाद मामले में कार्रवाई की अनुमति लेने के लिए इसे प्रदेश सरकार के पास भेजा गया था। सरकार के स्तर पर इनपर लगे आरोपों की समीक्षा के बाद कार्रवाई की इजाजत दे दी गई है।

जानकारी के अनुसार, आईएएस और दोनों आईपीएस अधिकारियों पर गया में तैनाती के दौरान गंभीर आरोप लगे थे। ये अधिकारी अनियमितता को लेकर सुर्खियों में रहे थे। सरकार के निर्णय के बाद अब भारतीय प्रशासनिक सेवा और 2 भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन अफसरों पर लगे कई तरह के गंभीर आरोपों की समीक्षा के बाद बिहार सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की इजाजत दे दी है। जानकारों की मानें तो जल्द ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी।

गंभीर हैं आरोप
सूत्रों की मानें तो गया में तैनाती के दौरान इन तीनों अधिकारियों पर बड़े पैमाने पर अनियमितता करने के आरोप लगे थे। आईएएस अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी आवास परिसर में लगे सागवान के कई पेड़ों को अवैध तरीके से कटवा कर उसका निजी उपयोग किया था। दूसरी तरफ, दोनों आईपीएस अधिकारी भी गया में पोस्टिंग के दौरान कई आरोपों से गिर गए थे। दोनों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ बिहार पुलिस मुख्यालय से पत्राचार भी किया गया था। सूत्रों की मानें तो जमीन माफियाओं से साठगांठ के आरोपों पर इन दोनो के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संभावना है।

सरकार के आदेश की प्रति का इंतजार
दरअसल, गया के मेडिकल थाना क्षेत्र से जुड़े जमीन विवाद के मामले में दोनों आईपीएस अधिकारी आपस में भिड़ गए थे। इसके अलावा एक थानेदार पर कार्रवाई को लेकर भी दोनों शीर्ष पुलिस अधिकारी आमने-सामने आ गए थे। आईएएस अधिकारी पर यह भी आरोप है कि गया में पदस्थापना के दौरान लाइसेंस देने के मामले में उन्होंने बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती थी।

जब मामले में कार्रवाई शुरू हुई तो उस समय आईएएस पटना में पोस्टेड थे। करवाई के क्रम में उन्हें उनके कैडर वाले राज्य में वापस भेज दिया गया। सरकार के आदेश की कॉपी अभी नहीं मिल पाई है। सरकार की सहमति की प्रति मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।