पटना। बिहार के कुछ प्रमुख अस्पतालों को स्वायतता देने की तैयारी है। स्वायतता मिलने पर ये अस्पताल अस्पताल स्वायतता सोसायटी के अधीन संचालित होंगे। सोसायटी इन अस्पतालों में डाक्टर, नर्स से लेकर उपकरण की व्यवस्था और रखरखाव तक के लिए जिम्मेदार होगी। स्वास्थ्य विभाग ने स्वायतता सोसायटी गठन की कवायद भी शुरू कर दी है। उम्मीद की जा रही है कि चार से पांच महीने के अंदर यह स्वायतता सोसायटी काम करने लग जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग ने फिलहाल चार प्रमुख अस्पतालों को स्वायतता देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन अस्पतालों को अति विशिष्ट अस्पताल के रूप में स्वायतता दी जाएगी। विभाग ने अब तक जिन अस्पतालों के नाम प्रस्ताव में शामिल किए हैं वे हैं राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल पटना, लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेसी) अस्पताल राजवंशी नगर, मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर, भोजपुर और इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना। ये संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्थाएं बहाल कर सकेंगे। अब तक पूरी तरह मुुुुफ्त सेवा देने वाले इन अस्पतालों की व्यवस्था एम्स और आइजीआइएमएस जैसी हो सकती है।
जिन अस्पतालों को स्वायतता देने का मामला चल रहा है उनकी अपनी विशेषता है। इंदिरा गांधी हृदय रोग बेहतर सरकारी अस्पताल है। जहां हाल ही में बेड की संख्या बढ़ाई गई है और नए भवन टर्न-की बेसिस पर हृदय रोग के सभी इलाज हो रहे हैं। यहां करीब डेढ़ सौ तरह के उपकरण मौजूद हैं।

एलएनजेपी अस्पताल हड्डी रोग का विशेष अस्पताल है। इन दिनों इसके विस्तार का काम भी चल रहा है। यहां ट्रामा सेंटर भी है। राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल में आंखों से जुड़े सभी रोगों के इलाज की सुविधा तो है अस्पताल में 106 बेड का निर्माण भी हो चुका है। इसी प्रकार कोइलवर मानसिक आरोग्यशाला में सभी प्रकार के मानसिक रोग और मानसिक स्वास्थ्य संवद्र्धन की सुविधाएं हैं।

