सुपौल अभी पुराने जख्म भूल भी नहीं पाए थे कि कोसी में लाल पानी उतर गया। लाल पानी उतरने का मतलब है कि कोसी फिर कहानी दोहराएगी। साल दर साल कोसी इसी तरह लाल होती है और लोगों की जिंदगी तबाह कर जाती है।

एक बार फिर जगह-जगह पानी भरने लगा है। तटबंध के अंदर बसे लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। परसामाधो, नौवाबाखर, मौजहा, दुबियाही, बौराहा सहित अन्य पंचायत के दर्जनों गांवों में वहीं अनिश्चितता का माहौल भविष्य की चिन्ता और जीवन रक्षा का प्रश्न एक बार फिर खड़ा हो गया है।

पता नहीं कब पानी उनके घरों को घेर ले और अघोषित कैदी की जिदगी जीने को मजबूर कर दे। लाल पानी से नदी के कई मुहाने धीरे-धीरे भरने लगे हैं। कुछ दिन पूर्व तक कोसी के जिस मुहाने से लोग आसानी से सूखे में पार करते थे अब पानी में उतरकर रास्ता पार करना पड़ता है।

कोसी तटबंध के अंदर परसामाधो, बौरहा, नौवाबाखर, मौजहा, दुबियाही पंचायत एवं कटहरा कदमपुरा, किशनपुर उत्तर, किशनपुर दक्षिण, शिवपुरी पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांव है। इस गांव होकर कोसी के दर्जनों मुहाने निकले हुए हैं जिसमें बरसात के समय में पानी भर जाने से लोग एक तरह से घरों में कैद हो जाते हैं।

बरसात के मौसम के बाद जब नदी सूख जाती है तो इन मुहानों से लोग आसानी से पार करते हैं। इधर जैसे ही लाल पानी उतरा है तो लोग सिहरने लगे हैं। लोगों को यह अंदेशा सताने लगा है कि यह लाल पानी किसी भी समय उनके घर के आस-पास से निकलने वाले मुहाने में भर जाएगा और फिर आवागमन को लेकर समस्याएं खड़ी हो जाएगी।