झारखंड के मनरेगा और खनन घोटाले की जांच की आंच अब IAS पूजा सिंघल के बाद दूसरे अफसरों तक भी पहुंचने लगी है। निलंबित सिंघल की निशानदेही पर मंगलवार को ED की टीम ने झारखंड के 6 ठिकानों पर कार्रवाई कर रही है। इस दौरान ED को विशाल चौधरी के घर से 5 करोड़ रुपए कैश मिलने की सूचना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। नोट गिनने के लिए दो मशीनें लानी पड़ी।

चौधरी को झारखंड के ब्यूरोक्रेट्स का सबसे भरोसेमंद कैंडिडेट्स कहा जाता है। छोटे से लेकर बड़े पदाधिकारी तक हर जगह उसकी अपनी धमक है। इसकी पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में इसकी पसंद का ख्याल रखा जाता है।

मुजफ्फरपुर से रांची तक तय किया सफर
विशाल चौधरी मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। रांची में फ्रंटलाइन ग्लोबल जैसी कई कंपनियां बनाकर इसने झारखंड में सरकारी टेंडर हासिल किया। स्किल इंडिया के कई प्रोजेक्ट पर भी यह काम कर रहा है।

मैनेजेरिल स्किल का माहिर खिलाड़ी
मैनेजेरियल स्किल में माहिर विशाल के अशोक नगर का घर अधिकारियों का ठिकाना होता था। यहीं से बैठकर प्लानिंग तय की जाती थी। यहां हमेशा अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता था। विशाल उनके हर सुख का ध्यान रखता था। बदले में उसे भी रिटर्न गिफ्ट मिलता था।

रात में सजती है महफिल, अधिकारी लगाते हैं हाजिरी
अशोक नगर इलाके के रोड नंबर 6 स्थित विशाल का घर देखने में सामान्य सा लगता है, लेकिन आसपास के लोगों की माने तो यहां रातें रंगीन हुआ करती हैं। प्रदेश के कई नौकरशाह यहां हाजिरी लगाते हैं। विशाल विदेश में घूमने और महंगी गाड़ियों का भी शौकीन बताया जाता है।

अवैध माइनिंग से जुड़ा है मामला
सूत्रों की मानें तो छापेमारी का मामला अवैध माइनिंग से जुड़ा है। इसमें विशाल चौधरी भी आरोपी है। त्रिवेणी चौधरी उसके पिता हैं। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं नहीं है। त्रिवणी चौधरी कौशल विकास विभाग में सीनियर अफसर हैं। इन्हें सत्ता और पूजा का करीबी बताया जाता है।