कपड़ों की रंगाई की सुविधा से बढ़ी मिथिला पेंटिंग की चमक, जानें पूरा मामला….

मधुबनी : खादी, सूती व सिल्क कपड़ों पक्की रंगाई की सुविधा जिले में शुरू हो गई है। खादी, सूती व सिल्क कपड़ों की पक्की रंगाई की सुविधा जिले में शुरू हो गई है। इसके लिए रांटी में डाई प्लांट की स्थापना की गई है।

इसका लाभ यह है कि मिथिला पेंटिंग की चमक और बढ़ गई है। छोटे कलाकारों को लाभ मिल रहा है। मिथिला पेंटिंग के कलाकार खादी, सिल्क व सूती की साड़ी, सलवार-सूट, दुपट्टा, टेबल क्लाथ, दरवाजा-खिड़की के पर्दे सहित अन्य तरह के कपड़ों पर भी मिथिला पेंटिंग उकेरते हैं।

इसके लिए उन्हें कई तरह के रंगीन कपड़े भागलपुर, नालंदा व नवादा के अलावा छत्तीसगढ़ से मंगाने पड़ते थे। छोटे व कम पूंजी वाले कलाकार आर्थिक कमी के चलते अलग-अलग रंग के कपड़े नहीं मंगा पाते थे। साथ ही बाहर से मंगाए गए कपड़ों का रंग कभी-कभी छूटता था।

इससे पेंटिंग बेकार हो जाती थी। चमक फीकी पड़ जाती थी। इसे लेकर काफी समय से डाई प्लांट लगाने की मांग की जा रही थी। लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम, भारत सरकार के सहयोग से मिथिला पेंटिंग उत्पादन एवं प्रशिक्षण केंद्र, ग्राम विकास परिषद, रांटी में 12 लाख खर्च कर डाई हाउस की स्थापना दो महीने पहले की गई।

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