भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार माने जाने वाले अभिनेता व सिंगर पवन सिंह और पत्नी ज्योति सिंह तलाक के मामले में गुरुवार को आरा कोर्ट पहुंचे। दोनों कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश त्रिभुवन यादव के समक्ष हाजिर हुये और अपना पक्ष रखा।

इस दौरान कोर्ट ने काउंसलिंग के जरिये दोनों के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश की। कोर्ट की ओर से शादी बचाने के लिये दोनों को एक और मौका भी दिया गया। अब दोनों 21 जून को कोर्ट में उपस्थित होंगे। कोर्ट सूत्रों के अनुसार पवन सिंह पत्नी ज्योति सिंह के साथ रहने को राजी नहीं है।

ज्योति सिंह के अधिवक्ता लवकेश कुमार सिंह द्वारा यह बताया गया कि न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का प्रयास किया गया। उसमें ज्योति सिंह ने पवन सिंह के साथ रहने की इच्छा व्यक्त की। कहा कि अगर वे पूरे मान सम्मान के साथ उनको रखते हैं, तो वह उनके साथ रहने को तैयार है। मध्यस्थता के लिए कोर्ट की ओर से दोनों पक्षों को फिर एक मौका दिया गया है। इस वाद में अगली तिथि 21 जून को निर्धारित की गई।

बता दें कि यूपी की रहने वाली ज्योति सिंह पवन सिंह की दूसरी पत्नी है। उन्होंने अपने अधिवक्ता के जरिये पवन सिंह पर शादी के बाद प्रताड़ित करने और जबरन गर्भपात कराने का आरोप भी लगाया था।

ज्योति सिंह के अधिवक्ता की ओर से बताया गया था कि शादी के बाद से ही पवन सिंह के व्यवहार से कटुता आ गयी थी। पत्नी के साथ अक्सर मारपीट और गाली-गलौज करते थे। वह दो बार ज्योति सिंह का जबरन गर्भपात भी करावा चुके हैं।

अभिनेता सह गायक पवन सिंह द्वारा अपनी दूसरी पत्नी ज्योति सिंह से तलाक के लिये पिछले वर्ष नौ अक्टूबर 2021 को आरा की फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी गयी थी। उसके बाद ज्योति सिंह इस साल 28 अप्रैल को आरा की फैमिली कोर्ट पहुंची थी। उस दिन ज्योति सिंह की ओर से अंतरिम भरण पोषण की मांग की गयी थी। उसके तहत ज्योति सिंह की ओर से तहत प्रति माह साढ़े तीन लाख रुपये की मांग की गयी है।