भारत-नेपाल के बीच उत्तराखंड में तारबाड़ विवाद, दोनों देशों के अधिकारी करेंगे संयुक्त सर्वे

भारत-नेपाल सीमा पर पिलर संख्या 14 के पास वन विभाग द्वारा की जा रही तारबाड़ का विरोध होने के बाद मंगलवार को भारत और नेपाल के अधिकारी मौका मुआयना करेंगे। दोनों देशों की सीमा पर खटीमा वन विभाग पौधरोपण के लिए एक हजार पोल लगाने का काम कर रहा है।

एक हिस्से में वन विभाग ने तारबाड़ कर दी है, लेकिन जिस जगह पर पिलर संख्या 798/2 गायब है। इसके आगे पिलर और तारबाड़ लगाने का नेपाली नागरिकों की ओर से विरोध किया जा रहा है। वन विभाग भारत-नेपाल सीमा पर पिलर संख्या 14 के पास 25 हेक्टेयर जमीन पर पौधरोपण प्रस्तावित है। इसके लिए चयनित जमीन पर 1000 पोल लगाए जाने हैं, पौधों की सुरक्षा के लिए तारबाड़ की जाएगी।

यहां पर वन विभाग अंदरूनी क्षेत्र और सीमा से लगे एक हिस्से में तारबाड़ कर चुका है, लेकिन पांच दिन पहले वनकर्मी मजदूरों को लेकर पिलर 798/2 के पास पहुंचे तो नेपाली नागरिकों ने विरोध शुरू कर दिया। रेंजर आरएस मनराल ने कहा नेपाली नागरिकों ने तारबाड़ और पोल उखाड़ दिए हैं। मामले में उन्होंने स्थानीय प्रशासन, एसएसबी, वन विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित किया है।

मंगलवार को नेपाल के सीडीओ, एसएसबी और वन विभाग, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर सीमांकन करेंगे। कहा उनके द्वारा पिलर संख्या 14 से 25 मीटर जगह छोड़कर तारबाड़ की जा रही है। एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट ने कहा मंगलवार को तीनों विभागों का संयुक्त सर्वे है। अगर कोई पिलर गायब है तो वह स्थापित किया जाएगा।

सीडीओ ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
सीडीओ आशीष भटगांई ने विकास भवन सभागार में जल जीवन मिशन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली। जिसमे उन्होंने जल जीवन मिशन कार्यक्रम के कार्यों में प्रगति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को समन्वय स्थापित करते हुए जल जीवन मिशन कार्यक्रम में प्रगति के निर्देश दिए। यहां अधिशासी अभियंता मृदुला सिंह, इं.पंचानंद चौधरी, इं. शिवम द्विवेदी, सुधीर कुमार, विनोद प्रसाद डोबरियाल, तरूण शर्मा, आरएस लोशाली, मनोज कुमार गंगवार, नंद किशोर आदि उपस्थित रहे।

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