ग्रामीण इलाके के लोगों को सरकारी संस्थाओं से जोड़ने एवं जानकारी देने के लिए बिहार के विभिन्न जिलों में इंटरफ़ेस मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। गैरसरकारी संस्था एस एम सहगल फाउंडेशन इसके लिए अभियान चला रही है।

मंगलवार को शहर के सेवा सदन में महिलाओं के साथ इंटरफेस बैठक आयोजित की गई जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्मिता ने महिलाओं के सवालों का उत्तर देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरुक किया। इंटरफेस बैठक में विभिन्न सरकारी संस्थाओं और विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर योजनाओं से संबंधित जानकारी दी। सहगल फाउन्डेसन नारी सशक्तिकरण के लिए काम करता है।

कृषि विज्ञान केंद्र सरैया के डॉ अनुपम, पीएचसी मोतीपुर से डॉ रमेश, मीनापुर से एएनएम गीता कुमारी, वसुधा केंद्र से आदेश कुमार, प्रधानमंत्री कौशल केंद्र से कुंदन ने महिलाओं को योजनावार जानकारी दी।

केवीके से आए डॉ अनुपम ने धान की आधुनिक खेती पर चर्चा करते हुए धान की खेती के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान एवं धान की सीधी बुवाई के फायदों के बारे में बताया। मेडिकल ऑफिसर मोतीपुर,डॉ रमेश कुमार ने प्रतिभागियों को अच्छे स्वास्थ के गुर बताते।

एएनएम गीता ने चमकी बुखार एवं कोविड-19 के तीसरे टीके के लिए लोगों को जानकारी दी। पीएम कौशल विकास केन्द्र के कुंदन कुमार ने सरकारी योजनाओं एवं उनका लाभ लेने के तरीके में बारे में बताया।’

सहगल फाउंडेशन के राहुल कुमार ने संस्था के कार्यों के बारे में बताया और कहा कि बिहार में फाउंडेशन सात सालों से पांच जिलों में काम कर रहा है। कार्यक्रम के सफल संचालन में कुंती गुप्ता, नागेन्द्र गुप्ता, साधना झा,नीरज दुबे, राधा मोहन, संजीव एवं खुशबू कुमारी में भाग लिया। प्रतिभागी महिलाओं ने जानकारी मिलने पर खुशीका इजहार किया।