खुशखबरी : मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भी ब्रेन ट्यूमर की होगी सर्जरी, वार्ड एवं ओटी तैयार

उत्तर बिहार के ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को इलाज के लिए पटना और दिल्ली जैसे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। मुजफ्फरपुर मे स्थित एसकेएसमीएच में न्यूरो सर्जरी शुरू की जाएगी।

ब्रेन ट्यूमर होने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, आप ऐसे पहचाने | These  symptoms are seen in the body when there is a brain tumor, you can  recognize it like

इसके लिए ऑपरेशन थियेटर तैयार कर लिया गया है। एसकेएसमीएच अधीक्षक डॉ. बाबू साहब झा ने बताया कि न्यूरो सर्जरी के लिए सभी जरूरी सामान व उपकरणों की खरीद जल्द की जाएगी। ऑपरेशन थियेटर तैयार कर लिया गया है और वार्ड भी बना दिया गया है। वार्ड में मरीजों लिए बेड भी लगा दिए गए हैं।

एसकेएमसीएच में न्यूरो विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक कर्ण ने बताया कि अस्पताल में हर महीने ब्रेन ट्यूमर के 20 से 25 मरीज आते हैं। इलाज के लिए अस्प्ताल में उपकरण नहीं होने से उन्हें रेफर करना पड़ता है। एसकेएमसीएच में दो वर्ष से न्यूरो विभाग चल रहा है। विभाग में न्यूरो के एक ही डॉक्टर हैं। विभाग में एक और न्यूरो फिजिशियन भी थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

पांच वर्ष में बढ़े ब्रेन ट्यूमर के मरीज

डॉक्टरों ने बताया कि पिछले पांच वर्ष में ब्रेन ट्यूमर के मरीज बढ़े हैं। पहले महीने में 10 से 12 मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या 25 तक पहुंच गई है। डॉ. दीपक कर्ण ने बताया कि बच्चे भी ब्रेन ट्यूमर के शिकार हो रहे हैं। उनके पास जो मरीज आते हैं, उनमें दस वर्ष तक के बच्चे भी शामिल होते हैं। ब्रेन ट्यूमर की बीमारी बच्चों और इसके बाद 50 वर्ष से अधिक के लोगों में मिल रही है। बच्चों में अगर शुरुआत में इसका इलाज हो जाए तो बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है।

नहीं बन सका सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल

एसकेएमसीएच में न्यूरो विभाग सुपर स्पेशियलिटी के तहत शुरू किया जाना था, लेकिन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पूरी तरह नहीं बन सका। सुपर स्पेशियलिटी नहीं चलने के कारण एसकेएमसीएच में इलाज के लिए सामान भी नहीं मंगवाए गए। इसक कारण न्यूरो का कोई ऑपरेशन या इलाज अस्पताल में नहीं हो पा रहा है।

सलाहः अधिक देर तक न इस्तेमाल करें मोबाइल

डॉ. दीपक कर्ण ने बताया कि खानपान की गड़बड़ी और मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से भी ब्रेन ट्यूमर हो रहा है। खाने में अधिक पेस्टिसाइड और अधिक तेल के इस्तेमाल से इसका खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा फैमिली हिस्ट्री होने के कारण भी बीमारी लोगों को होती है। बच्चों को अधिक देर तक मोबाइल नहीं देखने देना चाहिए। इससे निकलने वाला रेडियेशन उनके लिए खतरनाक है। सिरदर्द, मतली और उल्टी, नींद न आना, देखने, सुनने या बोलने में कठिनाई ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हैं।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading