मुजफ्फरपुर : मेडिकल के छात्र लेंगे गांवों को गोद, क्षेत्र विशेष में होने वाली बीमारियों का होगा विश्लेषण

मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीच में पढ़ाई करने वाले छात्र सेवा के रास्ते शोध तक पहुंचेंगे। वे लोगों से जुड़कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेने के अलावा इलाज व परामर्श में भी सहयोग करेंगे। एसकेएमसीच ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए इस सत्र से अभिनव प्रयोग शुरू किया है।

ये छात्र जिले में आर्थिक रूप से कमजोर पांच-पांच परिवारों को गोद लेंगे। प्रतिवर्ष यहां के 120 छात्र कुल छह सौ परिवारों को पांच वर्षों के लिए गोद लेंगे। इस प्रकार जिले के तीन हजार गांवों तक जुडऩे की योजना है।

मेडिकल छात्र गोद लिए गए परिवार का विवरण तैयार करेंगे। जैसे परिवार में सदस्यों की संख्या, पुरुष-महिला, उम्र और बीमारी की स्थिति आदि। इनके माध्यम से क्षेत्र विशेष में होनेवाली बीमारियों का विश्लेषण कर रिकार्ड तैयार करेंगे। इससे उस क्षेत्र में होनेवाली खास बीमारी पर शोध और इलाज में सहयोग मिलेगा।

एनाटामी विभागाध्यक्ष सह एमबीबीएस प्रथम वर्ष कोर्स को-आर्डिनेटर डा. विनोद कुमार के अनुसार, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के समन्वय से इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में कार्ययोजना बनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से आगे नहीं बढ़ सकी। इसे वर्तमान सत्र से लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में गांवों का चयन किया जा रहा है। अभी दो प्रखंड मुशहरी व गायघाट में प्रक्रिया शुरू हुई है। जुलाई के पहले पखवारे तक गांवों को चिह्नित कर छात्रों को जोड़ दिया जाएगा। परिवारों के चयन में उनकी आर्थिक स्थिति, गांव की भौगोलिक स्थिति और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को ध्यान में रखा जाएगा। डा.विनोद ने बताया कि एसकेएमसीएच में एमबीबीएस के लिए 120 सीट निर्धारित हैं।

इस बार 119 सीटों पर नामांकन हुआ है। एक सीट पर दूसरे वर्ष के एक छात्र को जोड़ा गया है। एसकेएमसीएच प्राचार्य डा. विकास कुमार का कहना है कि, इस पहल से लोगों को इलाज के साथ छात्रों को शोध में मदद मिलेगी। कॉलेज के पास भी पूरे जिले के विभिन्न इलाकों में बीमारी के प्रकोप का डाटा होगा। स्वास्थ्य संबंधी योजना बनाने में सरकार इसका सहयोग ले सकती है।

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