नेपाल और सीमांचल में लगातार हो रही बारिश से एक तरफ उत्तर बिहार की अधिकतर नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। वहीं, दूसरी ओर 24 प्रमुख नदियां सूख गई हैं। इनके अलावा 22 नदियां ऐसी हैं, जिनमें पानी ठहर गया है, उनमें कोई बहाव नहीं है। खासकर दक्षिण बिहार की नदियों का हाल बहुत खराब है। नदियों में कुछ जगहों पर तो एक बूंद भी पानी नहीं है और जहां पानी है वहां भी बहुत कम है।

बिहार सरकार ने भी माना है कि सूबे की नदियां गहरे संकट में हैं। आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है। नालंदा जिले से बहने वाली नदियों के हालात सबसे बुरे हैं। जिले की सात नदियों में बिल्कुल भी पानी नहीं है। पटना जिले की भी दो नदियां सूखी पड़ी है, जबकि गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसी तरह जमुई, नवादा, बांका और गया जिले में दो-दो नदियों में बहाव नहीं है। करीब 10 साल पहले ये नदियां वेग से बहती थीं। मगर पिछले कुछ सालों में इनका जलस्तर सूखता चला गया। इससे भूजलस्तर पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

अगर मानसून में औसत बारिश नहीं हुई तो आने वाले समय में और भी बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। बिना पानी वाली नदियों की संख्या बढ़ सकती हैं। जो नदियां सूखी हैं, उनमें मुजफ्फरपुर की नून, कटिहार की कारी और कोसी, औरंगाबाद की बटाने, गया की मोरहर और जमुने,

पटना की दरधा और कररुआ, जमुई की बरनार और अपर किउल, लखीसराय की किउल, नवादा की सकरी और तिलैया, नालंदा की मोहाने, नोनाई, पंचाने, धोबा, सकरी, चिरैया और भूतह, बांका की चंदन और चीरगेरुआ, भागलपुर की खलखलिया, रोहतास की काव और बेगूसराय की बलान नदी शामिल हैं।

इसके अलावा सारण में माही, समस्तीपुर में बाया, नुन कठाने और बलान, मुजफ्फरपुर में लखनदेई, दरभंगा में कमला धार, तीसभवरा, जीवछ, मधुबनी में थोमाने, रोहतास में अवसाने,

कैमूर में कर्मनाशा, कुदरा, सुअवरा और दुर्गावती, बक्सर में धर्मावती, नालंदा में लोकाईन, गोईधावा और पैमार, जहानाबाद में फल्गू, लखीसराय में हरोहर, मुंगेर में मुहानी, भागलपुर में सुंदरी और रोहतास में काव नदी के पानी में बहाव नहीं है।

अनियमित और कम बारिश होना, जमीन का रिचार्ज न होना और जंगलों का बेतहाशा कटाव होने से इन नदियों का पानी सूख रहा है। दूसरी ओर उत्तर बिहार में नेपाल से जुड़ी अधिकतर नदियों में भरपूर पानी है। खासकर सीमांचल की नदियों में पानी की मात्रा ठीक-ठाक है। नेपाल में हो रही बारिश के चलते इनका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।