मुजफ्फरपुर : अग्निपथ योजना के विरोध में उपद्रव में शामिल युवाओं को भड़काने में कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आने के बाद अब ऐसे संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी है। अब क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक तिरहुत प्रमंडल की ओर से मुजफ्फरपुर समेत 6 जिलों में संचालित होने वाले कोचिंग और इसके निबंधन की जानकारी मांगी है।
कार्यक्रम पदाधिकारी सैफुर रहमान ने तीन दिनों के भीतर मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण के डीईओ और डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान से तीन दिनों के भीतर कोचिंग संस्थानों की संख्या और निबंधन की स्पष्ट सूचना मांगी है।
बताया जा रहा है कि सरकार के स्तर से मांगी गई जानकारी के आधार पर सभी जिलों से यह रिकॉर्ड मांगा जा रहा है। मालूम हो कि अग्निपथ योजना के खिलाफ में मुजफ्फरपुर समेत राज्य के कई जिलों के कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आने के बाद उनकी धर-पकड़ की जा रही है। मुजफ्फरपुर में चार कोचिंग संस्थान पर कार्रवाई की जा रही है। एक कोचिंग संस्थान पर आयकर अधिकारियों ने भी सर्वे किया है।
बगैर रजिस्ट्रेशन के ही संचालित हो रहे सैकड़ों कोचिंग
जिले में बगैर रजिस्ट्रेशन के ही सैकड़ों कोचिंग का संचालन किया जा रहा है। इन संस्थानों का शिक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन तक नहीं है। इस कारण यहां मनमाना शुल्क है। शिक्षकों की योग्यता से लेकर शुल्क की भी जानकारी सार्वजनिक नहीं। अभिभावकों की माने तो बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम 2010 को सख्ती से लागू किए जाने की जरूरत है।
इसके तहत बगैर रजिस्ट्रेशन कोचिंग का संचालन करने वालों पर 5 हजार से लेकर 2 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। डीईओ अब्दुस सलाम अंसारी ने बताया कि जिले में कोचिंग संचालन को लेकर रूपरेखा तैयार होगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। अभी से लेकर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक इसकी बैठक होगी। इसके तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। नियम का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी होगी।
