मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर स्थित बीआरएबीयू में टीडीसी पार्ट वन में 8 हजार से अधिक फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आया है। रजिस्ट्रेशन नंबर एक, लेकिन इस आधार पर चार-चार विद्यार्थी ने परीक्षा फॉर्म भर दिए। टीडीसी पार्ट वन की परीक्षा में शामिल भी हो गए। परिणाम भी जारी कर दिया गया। अब जब सेकंड ईयर का परीक्षा फॉर्म भरा जा रहा है तो मामला सामने आने के बाद ऐसे आठ हजार से अधिक विद्यार्थी पर रोक लगा दी गई है।
बीआरएबीयू में कॉलेज से लेकर विवि की लापरवाही का एक नया मामला सामने आया है। यूजी के शैक्षणिक सत्र 2019-22 के फर्स्ट ईयर में की गई गड़बड़ी सेकंड ईयर में पकड़ में आई है। इससे 8 हजार से अधिक विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन फंस गया है।
बताया जा रहा है कि टीडीसी पार्ट वन में स्टूडेंट्स का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया गया। वहीं, परीक्षा के लिए फॉर्म ऑफलाइन मोड में भरा गया। इस कारण गड़बड़ी पकड़ में नहीं आ सकी। कॉलेजों से लेकर विवि स्तर तक फॉर्म का वेरिफिकेशन नहीं किया गया। अब सेकंड ईयर की परीक्षा के लिए विवि की ओर से ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरा जा रहा है। इसमें एक ही रजिस्ट्रेशन से एक से अधिक फॉर्म भरने वाला आवेदन जमा नहीं हो पा रहा है। इससे यह गड़बड़ी सामने आई है।
साइबर कैफे की मदद से फर्स्ट ईयर में रजिस्ट्रेशन के समय स्लैस, स्टार, जीरो स्पेशल की का इस्तेमाल किया गया। एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर वाले कई एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन टीडीसी पार्ट टू के परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि विवि लगातार बढ़ा रहा है। इसके पीछे की वजह फर्जी रजिस्ट्रेशन ही है। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय ने कॉलेजों और संबंधित एजेंसी से ऐसे स्टूडेंट्स का आंकड़ा मांगा है। इस आधार पर विवि ऐसे स्टूडेंट्स के लिए नया रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर सकता है।
इसको लेकर जल्द ही प्राचार्यों की बैठक बुलाई जाएगी। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने बताया, रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जल्द ही इसे ठीक करने का प्रयास होगा। जल्द ही विश्वविद्यालय में फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अगले महीने तक परीक्षा कराए जाने का लक्ष्य विश्वविद्यालय ने निर्धारित किया है।
