पेड़ की पत्तियों पर मोदी-योगी के पोट्रेट, बिहार के इस हुनरबाज की कला देख रह जाएंगे दंग

जमुई : बिहार में इन दिनों पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित देश की अलग-अलग हस्तियों की तस्वीर पेड़ के छोटे से पत्तों पर दिख रही है। दरअसल इन शख्सियतों को बिहार का एक आर्ट टीचर अपने हुनर के दम पर छोटी से छोटी पत्तियों पर न केवल उकेर रहा है बल्कि उनको जीवंतता देकर कला और पोट्रेट की दुनिया में अपना नाम भी कमा रहा है। ये शख्स हैं दुष्यंत मिश्रा जो कि जमुई जिला के रहने वाले हैं।

पेशे से आर्ट टीचर दुष्यंत मिश्र पत्तियों पर तस्वीर और कलाकृति बनाकर जिले में चर्चित होने लगे हैं। कला के क्षेत्र में लगन और मेहनत के बल पर साधारण परिवार से आने वाला यह शख्स एक सरकारी स्कूल का आर्ट टीचर है, जो कागज पर नहीं बल्कि पीपल, आम , कटहल और पलास के नाजुक और छोटे-बड़े पत्तियों पर किसी की भी तस्वीर झट से बना देता है। यही कारण है कि दुष्यंत मिश्र की कलाकारी देख लोग मुरीद होते जा रहें हैं।

लीफ पेंटिंग को बढ़ावा देने वाले इस कलाकार की कला देख लोग हैरान रह जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब कागज नहीं था तो कलाकार इन्ही पत्तियों पर अपनी पेंटिंग की कला दिखाते थे।

जमुई शहर के विठलपुर के रहने वाले दुष्यंत जिले के सिकंदरा प्रखंड के प्लस टू हाई स्कूल लछुआर में ललित कला के शिक्षक हैं। दरअसल बचपन से ही पेंटिंग के शौकीन कला के क्षेत्र में ही आगे बढ़ने की चाहत में दुष्यंत ने मुश्किलों का सामना करते हुए पटना कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट से 5 साल की कोर्स किया और फिर पेंटिंग और क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए जुट गए।

कागज को छोड़ पतियों पर पेंटिंग और पत्तियों पर पोट्रेट बनाने का काम इस आर्ट टीचर ने छह महीने पहले शुरू किया था। घर में ही अकेले कमरे में बंद होकर पतियों पर लोगों की तस्वीर बनाने वाले यह जिले के इकलौते कलाकार माने जाते हैं।

इनके पिता रविंद्र मिश्रा का कहना है कि कमरे में अकेले बंद होकर रात -रात भर जागने के कारण उन्हें उनके बेटे पर गुस्सा भी आता था, लेकिन बाद में पता चला कि वह तो पत्तियों पर अब लोगों की तस्वीर बनाने लगा है, बाद में उसकी कलाकारी देख हैरानी हुई।

दुष्यंत मिश्रा पीपल, आम, पलाश और कटहल के पत्तियों पर कई तरह कलाकृति के अलावा महान विभूतियों की तस्वीर भी बना चुके हैं। कला के प्रेमी दुष्यंत का कहना है कि वे चित्रकला को आगे बढ़ाना चाहते हैं यही कारण है कि उन्होंने कागज पर पोट्रेट बनाने के अलावा पत्तियों पर पोट्रेट बनाने का काम शुरू किया, वह इसलिए कि लोगों को ज्यादा आकर्षित करती है, हरे पत्तियों पर किसी का पोर्ट्रेट बनाते समय हरे पत्ते के रेशे को सर्जिकल ब्लेड की मदद से बारीकी से काटकर काम किया जाता है। पत्तियों पर किसी का पोट्रेट् सबके मन को भाता है। दुष्यंत कलाकारी को बढ़ावा देने के लिए गांव के बच्चों को मुफ्त में चित्रकला की शिक्षा भी देते हैं।

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