हाजीपुर: बिहार में रिश्ते को शर्मसार करने वाले मामा और उसके दोस्त को न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई है। दुष्कर्म के प्रयास के बाद नाबालिग भांजी की हत्या का दोषी मानते हुए कोर्ट ने दोषी मामा और उसके दोस्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

एडीजे-6 सह पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने साथ ही दोनो दोषियों को 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। दो साल के अंदर इस सनसनीखेज मामले की सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

विशेष लोक अभियोजक मनोज शर्मा ने बताया कि भगवानपुर थाना में एक केस 197/20 दर्ज किया गया जिसमें बताया गया था कि 15 अगस्त के दिन सात साल की एक बच्ची को उसका मामा मेवालाल गिरी और मामा का दोस्त प्रमोद गिरी जलेबी खिलाने के बहाने लेकर गया और दुष्कर्म का प्रयास किया।

दुष्कर्म में विफल होने और अपनी पहचान उजागर होने के डर से दोनों हैवान बन गए और दोनों ने बच्ची की हत्या कर दी, जिसके बाद बच्ची का शव उसके घर से एक किलोमीटर दूर झाड़ी में फेंका हुआ मिला था।

पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो लड़की के मामा और उसके दोस्त को पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया तब से दोनो जेल में ही हैं। स्पेशल पीपी मनोज शर्मा ने बताया कि तकनीकी साक्ष्य के अलावा इस मामले में गवाहों के बयान पर कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया। कोर्ट ने दोनों को दोषी मानते हुए अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।

