रांची : दुनिया को अपनी बल्लेबाजी का दीवाना बना चुके महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों घुटने के दर्द से परेशान हैं। कैप्टन कूल अपना इलाज विदेश या देश के किसी बड़े हॉस्पिटल में नहीं बल्कि झारखंड के जंगल में बने एक छोटे से आश्रम में करवा रहे हैं। धोनी एक वैद्य की आयुर्वेदिक दवाई खा रहे हैं। जिनकी फीस है महज 40 रुपए।

राजधानी रांची से 70 किमी दूर लापुंग के जंगली इलाके में रहने वाले वैद्य वंदन सिंह खेरवार उनका इलाज कर रहे हैं। लगभग एक महीने से वो दवाएं खा रहे हैं। उन्होंने बताया कि धोनी हर 4 दिनों बाद उनके पास आते हैं और जड़ी-बूटी वाली दवा से इलाज करा रहे हैं।

पहली बार पहचान ही नहीं पाए धोनी को- वंदन
वैद्य ने बताया कि धोनी जब पहली बार उनके पास आए तो वह उन्हें पहचान ही नहीं पाए। साथ में आए लोगों ने जब परिचय कराया तब उन्हें अहसास हुआ कि जिस धोनी को टीवी स्क्रीन पर बल्ला घुमाते देखा है वह उनके सामने खड़े हैं। धोनी उनके पास पहुंचते हैं तो लोगों की भीड़ लग जाती है। इसलिए उन्हें आश्रम के अंदर ले जाकर इलाज करते हैं।

‘धोनी को कैल्शियम की कमी है’
उन्होंने कहा कि धोनी ने विस्तार से उन्हें अपनी तकलीफ बताई। धोनी के दोनों घुटनों में दर्द है। जिस वजह से उन्हें चलने में तकलीफ होती है। वैद्य वंदन के अनुसार, धोनी के घुटनों में कैल्शियम की कमी है। उपचार के रूप में उन्हें जड़ी-बूटी वाली दवा हर 4 दिन पर एक ग्लास दी जाती है।

40 रुपए फीस देकर धोनी करवा रहे हैं इलाज
वैद्य वंदन ने बताया कि इलाज के लिए फीस के रूप में मात्र 20 रुपए लिए जाते हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर दवा के लिए अलग से 20 रुपए लगते हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि धोनी एक ईमानदार मरीज की तरह अपने 40 रुपए खुद देते हैं। उन्होंने बताया कि धोनी पिछली बार 26 जून को उनके पास आए थे।

धोनी के माता-पिता भी खा चुके हैं उनकी दवा
वैद्य वंदन ने दावा किया कि धोनी के माता-पिता भी उनकी दवा ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि दोनों को घुटने में समस्या है और पिछले तीन महीने से उनका इलाज कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया की माता-पिता को इलाज से लाभ मिला होगा तब ही धोनी उनके पास आ रहे हैं।

वैद्य वंदन ने बताया कि धोनी जब भी आते हैं तो उनके साथ फोटो खिंचवाने वालों की भीड़ लग जाती हैं। यही वजह है कि वह आने पर गाड़ी से बाहर नहीं आते हैं। उन्हें दवा गाड़ी तक ही पहुंचा दी जाती है। धोनी दवा पीते हैं। गांव वालों के साथ खुद मोबाइल पकड़कर तस्वीर खिंचवाते हैं।