बिहार से 30 साल की एक महिला को नौकरी देने के नाम पर दिल्ली बुलाया गया और यहां पहुंचने पर उसे फ्लाइट में बिठाकर ओमान पहुंचा दिया गया। उसके पति को शक है कि शायद उसे वेश्यावृत्ति की दलदल में धकेल दिया गया है। बिहार पुलिस से कोई मदद न मिलने पर उसने दिल्ली आकर पुलिस में शिकायत दी। लेकिन आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब पति ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पति ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है। उसके तीन बच्चे पहले से हैं। उसने पूरी कहानी बताते हुए कहा कि इसी साल 10 अप्रैल को उनकी पत्नी के फोन पर एक कॉल आई थी और दिल्ली के पहाड़गंज के एक होटल में नौकरी का ऑफर दिया। 29 मई को महिला ने ट्रेन से दिल्ली पहुंचकर पति को फोन करके बताया कि वह दिल्ली पहुंच गई है और सुरक्षित है। उसके बाद उसका फोन संपर्क के बाहर हो गया।

पति ने TOI को बताया कि 8 जून को उनके फोन पर पत्नी का ऑडियो मैसेज आया, जिसमें उसने बताया कि वह ओमान में है और उसे करीब 10 अन्य लड़कियों के साथ बंधक बनाकर रखा हुआ है। खाना भी दिन में एक ही बार दिया जाता है। जानवरों की तरह बर्ताव किया जाता है। इसके बाद घबराया हुआ पति थाने पहुंचा। वहां से कथित तौर पर कहा गया कि ये दिल्ली का मामला है, वहीं जाओ। महिला के पति ने बताया कि इसके बाद उन्होंने दिल्ली में पहाड़गंज पुलिस में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

थक हारकर उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली। उन्हें शक है कि उनकी पत्नी का अपहरण करके ओमान ले जाकर बंधक बना लिया गया है। ये भी आशंका जताई कि कहीं उसे देह व्यापार में तो नहीं धकेल दिया गया। हाईकोर्ट में उनके वकील लोकेश अहलावत ने TOI को बताया कि पुलिस ने शिकायत मिलने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की है। हाईकोर्ट में 27 जून को सुनवाई के दौरान उन्होंने ये बात कोर्ट को बताई थी।

अहलावत के मुताबिक, पुलिस की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि शुरुआती छानबीन से पता चला है कि महिला ओमान में है। इसके बाद हाईकोर्ट ने मौखिक तौर पर सरकार और पुलिस को निर्देश दिया कि वह महिला से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करें और पता लगाएं कि क्या वह सुरक्षित है।

कोर्ट ने इस मामले में ओमान में भारतीय दूतावास से सहयोग के लिए संपर्क करने को भी कहा है। अब कोर्ट 7 जुलाई को मामले पर आगे सुनवाई करेगा।
