बक्सर : नवजात को खुद से दूर होता देख मां को रहा ना गया और उसके आंसू छलक उठे। वो चाइल्ड लाइन को थैले में मिले नवजात को बिल्कुल नहीं देना चाहती थी। वो लगातार रो रही थी।

बाद में चाइल्ड लाइन कर्मियों ने जब उसे यह आश्वासन दिया कि कुछ कागजी कार्रवाई और मेडिकल जांच के बाद बच्चा उसे दे दिया जाएगा, तो वो मानी। यह दृश्य है बक्सर का। दरअसल, यहां मामला सुखापुर गांव में 8 दिन पूर्व एक महिला ने थैले में फेंके नवजात को अपनाया था। अगले दिन जैसे ही चाइल्ड लाइन को यह सूचना मिली, उस महिला से बच्चे को वापस ले लिया गया।

बक्सर में खेत में पड़े थैले के अंदर से एक नवजात बच्चा मिला है। थैले में वो कपड़ों के नीचे दबा हुआ था। आसपास के लोग जब वहां से गुजर रहे थे तो उन्हें बच्चे के सोने और थैले से हरकतें होती दिखी। जैसी ही वो पास गए और उसे खोला तो उनके होश उड़ गए। थैले में एक नवजात था। एक महिला ने उसे अपना लिया और घर ले कर चली गई। पर कुछ लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया।

इधर, महिला अपनी बेटी सुनीता के गोद में बच्चे को डाल दिया। दरअसल, सुनीता की दो बेटियां हैं और उसने नसबंदी करवा ली है। सुनीता ने जब गोद में नवजात को देखा तो मारे खुशी के उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वो बच्चे को पालने का सपना देखने लगी। 8 दिन तक सब कुछ ठीक चलता रहा कि इसी बीच चाइल्ड लाइन एक्शन में आई और सुनीता के पास जा पहुंची।

चाइल्ड लाइन ने सुनीता से बच्चे को मांगा। यह सुनते ही सुनीता के होश उड़ गए। सारे सपने पल भर में चकनाचूर होता देख सुनीता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था। वो बच्चे को अच्छे से पालने का बार-बार हवाला देती रही। वो कहती रही-‘मैं बच्चे को नहीं दूंगी।’ पर कानून के आगे सब बेबस हैं।

चाइल्ड लाइन के कर्मियों ने सुनीता को समझाया, काफी समझाने के बाद वह नवजात बच्चे को देने पर तैयार हुई थी। वह भी यह कहने पर कि इसका मेडिकल जांच व आगे की कार्रवाई पूरी करने के बाद बच्चे को वापस लौटा दिया जाएगा।

चाइल्ड लाइन बक्सर से पहुंची रिन्यू चौहान ने बताया कि बच्चे की मेडिकल जांच करने के बाद नियमों के तहत इस महिला को उक्त नवजात बच्चे को सौंपने का प्रयास किया जाएगा।