सीतामढ़ी में जीविका दीदी कर रहीं धान की खेती:श्रीविधि से खेती कर रहीं जीविका दीदियां

सीतामढ़ी जिले में जीविका दीदी हर क्षेत्र में कार्यक्रम मिसाल कायम कर रही है। अपनी आजीविका चलाने के लिए मत्स्य पालन, दुकान और सब्जी की खेती के बाद अब धान की खेती भी शुरू कर दी है। जिले की करीब एक लाख जीविका दीदिया धन की खेती कर रही है। इसके लिए उन्हें विभाग के द्वारा धान की खेती करने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जीविका दीदियों श्रीविधि की उन्नत खेती का प्रारंभ कर दी है।

धान की रोपनी में आई तेजी, गीतों से गूंज रहा सरेह - forming/ dhan ki ropani.

जिला मुख्यालय डुमरा के भाषर मच्छहा दक्षिणी पंचायत में गेंदा व गुलाब जीविका समूह द्वारा श्रीविधि से धान की खेती की जा रही है। समूह की बीआरपी आरती कुमारी ने बताया कि उनके द्वारा ग्रामीणों में जागरूकता फैलाते हुए समूह से महिलाओं को जोड़ा जा रहा है।

आरती ने बताया कि उन्हें विभाग के द्वारा खेती करने के लाभ और अपने घर पर खाद भी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। बताया जाता है कि इस विधि से खेती करने पर कम बीज लगेगा। वही रसायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग होगा। जिससे कम लागत में 2 गुनी अधिक फसल आने की उम्मीद है।

बता दें कि जीविका के वीआरपीओ के द्वारा खेतों में रस्सी माफ कर 10 इंच की दूरी पर धान की रोपाई की जाती है। रस्सी से बनाए गए निशान पर एक समान दूरी पर बिछड़े का रोपनी की जा रही है। बतादें कि जैविक खाद बनाने के लिए गाय का गोबर, गोमूत्र, बेसन, गुड और पीपल या बरगद के जड़ की मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है।

इस संबंध में जीविका केडीपीएम इंदु भूषण शेखर का कहना है कि जीविका दीदी अपने हौसले और उम्मीद की बड़ी मिसाल पेश कर रही हैं। जिले में हर वर्ष आने वाली बाढ़ और सुखार के कारण धान की फसलों में काफी क्षति होती है।

धान की परंपरागत खेती में अधिक खर्च होने के बावजूद किसानों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेकिन जीविका दीदियों के द्वारा किए जा रहे खेती में काफी उन्नति होगी।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading