राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से पटना से दिल्ली भेजा रहा है। वे पिछले तीन दिनों से पारस हॉस्पिटल में भर्ती हैं। रविवार को सीढ़ी पर गिर जाने से उनके दाएं कंधे की हड्डी टूट गई, कमर में भी चोट आई।

इसके बाद सोमवार की सुबह उन्हें भर्ती कराया गया था। इधर उनको दिल्ली भेजे जाने को लेकर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

बुधवार की सुबह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें देखने हॉस्पिटल आए, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी आए। लालू प्रसाद का इलाज दिल्ली भेजकर कराए जाने पर लोग उसी तरह से सवाल उठा रहे हैं, जैसे नीतीश कुमार के मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने दिल्ली जाने पर उठा रहे थे।

सवाल यह भी कि बिहार के सरकारी अस्पताल क्यों प्राइवेट अस्पताल के आगे कमजोर साबित हो रहे हैं? पटना में IGIMS जैसे सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के साथ ही AIIMS और मेदांता भी है।

बता दें कि बिहार में मोतियाबंद के ऑपरेशन की भी व्यवस्था है और किडनी ट्रांसप्लांट की भी। IGIMS में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। इसके अलावा रुबन हॉस्पीटल में वर्षों से यह किया जा रहा है। पारस अस्पताल में भी यह सुविधा है। लेकिन लालू प्रसाद को इसके लिए सिंगापुर ले जाने की बात तेजस्वी यादव ने की है।

यह हर व्यक्ति का अधिकार है कि वह कहां इलाज कराए, लेकिन लोग इस पर एनडीए सरकार से खूब सवाल कर रहे हैं कि आखिर बिहार में ऐसा हेल्थ सिस्टम 15 साल से अधिक समय में भी क्यों नहीं किया जा सका कि लालू प्रसाद को बिहार से बाहर जाने की जरूरत पड़ रही है।
