जयपुर : उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल मर्डर केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे रोजाना इस घिनौनी साजिश के नये-नये राज सामने आ रहे हैं। जांच में अब सामने आया है कि जिस दिन कन्हैयालाल को गला काटकर क्रूरतापूर्वक मारा गया था।

उसी दिन दो और लोगों की तालिबानी तरीके से हत्या किये जाने का प्लान था। लेकिन उन दोनों लोगों की सही तरीके से रेकी नहीं हो पाने के कारण उनकी जान बच गई। इन दो लोगों की हत्या के लिए 4 अन्य लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।

जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक कन्हैयालाल की हत्या की साजिश को और बड़ा रूप देने की तैयारी थी। इसके लिए एक ही दिन में तीन लोगों की तालिबानी तरीके से हत्या करने की साजिश रची गई थी।

षड़यंत्रकारी कन्हैयालाल की रेकी कर उसकी हत्या करने में तो कामयाब हो गये, लेकिन दो अन्य लोगों की रेकी ठीक ढंग से नहीं होने के कारण उनके मंसूबे पूरे नहीं हो पाये और दो लोगों की जान बच गई।

रियाज ने कानपुर से मंगवाए थे 6 छुरे
इससे पहले रियाज ने कानपुर से 6 छुरे मंगवाए थे। इन छुरों को उदयपुर में एस के इंजीनियरिंग फैक्ट्री में धार दी गई थी। फैक्ट्री में भी दो छुरे अलग से बनाए गये थे। खंजरनुमा ये छुरे कानपुर से सरताज ने भेजे थे। सरताज दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा है। एनआईए टीम कानपुर में सरताज की तलाश कर रही है। कन्हैयालाल के साथ दो और लोगों की हत्या का जिम्मा जिन चार लोगों को सौंपा गया था एनआईए ने उन्हें भी राउंडअप कर लिया है।

