मुजफ्फरपुर के पुरानी गुदरी रोड स्थित शनि मंदिर में हर शनिवार भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। ये एकमात्र ऐसे देवता है जिसके क्रोध से इंसान तो क्या देवता भी कांपते है। ऐसा माना जाता है की जिसपर भी शनिदेव की कृपा होती है उसके सारे दुःख दर्द खत्म हो जाते हैं, बिगड़े काम बन जाते हैं।

सनातन धर्म में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। इस दिन शनिदेव की पूजा करने और सरसों का तेल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर उनकी कृपा बरसती है। मान्यताओं के अनुसार, शनि देव अति क्रोधी स्वभाव के हैं। कहते हैं कि शनि देव प्रसन्न होते हैं वो रंक से राजा हो जाता है और जिस पर शनि देव का क्रोध बरसता है उन्हें अपने जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

शनी देव कर्म का फल देते है, न्यायाधीश शनिदेव गलत और बेईमान लोगो को पीड़ित करते हैं तो, ईमानदार परिश्रमी लोगो को पुरस्कृत करते हैं शनि को सीमाग्रह कहा जाता हैं क्योंकि जहां सूर्य का प्रभाव ख़त्म होता हैं वही से शनि का प्रभाव शुरू होता हैं। शनिदेव,भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं।

ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन से ही शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे। व्यक्ति के अच्छे और बुरे कार्य के पीछे शनि देव का हाथ होता है। यदि शनि कुंडली में उत्तम अवस्था में है तो व्यक्ति को बहुत कम समय में बड़ी सफलता दिलाते है।शनि देव हर व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं।

इस वजह से नाराज होते हैं शनि देव
1. जब आप शराब, जुआ आदि जैसी बुरी लतों के शिकार होते हैं।
2. आप दूसरों के प्रति छल, कपट की भावना रखते हैं।

3. दूसरे से घृणा करने और चोरी करने से भी शनि देव नाराज होते हैं।
4. सफाई कर्मचारी, नौकरों या अपने से नीचे के कर्मचारियों से गलत व्यवहार करने से।
5. माता पिता और बुजुर्गों का अनादर करने से।
6. अचानक धन हानि होने लगता है।

7. जब आप किसी दूसरे के हक या हिस्से को छीन लेते हैं।
8. रोगी और असहाय लोगों की मदद नहीं करते हैं।
9. जो अपने घरों को गंदा रखते हैं। साफ सफाई समय से नहीं करते हैं।

10. जानवरों विशेषकर कुत्तों को मारने और सताने वालों से भी शनि देव अप्रसन्न रहते हैं।
11. जो लोग व्यभिचारी हैं। महिलाओं के प्रति गलत सोच रखते हैं।
12. देवी और देवताओं का अपमान करने वालों पर भी शनि देव नाराज रहते हैं। ऐसे लोग शनि देव के कोप का भाजन बनते हैं।