पटना : क्या जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) में आर.सी.पी सिंह का चैप्टर क्लोज हो गया है। क्या अब जेडीयू में आर.सी.पी सिंह के नाम मात्र के दिन बचे हैं, यह सवाल तब और भी गंभीर हो गया जब जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने स्पष्ट लहजे में कहा दिया कि पार्टी ने उन्हें सब कुछ दे दिया है, अब उनके लिए क्या बचा है, वो खुद तय कर लें। वहीं, बीजेपी आर.सी.पी सिंह (RCP Singh) को लेकर जेडीयू में मचे घमासान पर कुछ भी बोलने से बचते दिख रही है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद शनिवार को पहली बार पटना पहुंचे आर.सी.पी सिंह ने जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साध कर अपने तेवर साफ कर दिये हैं। वो आर-पार के मूड में दिख रहे हैं।

वहीं, जेडीयू ने यह लगभग तय कर लिया है कि पहली मौका मिलते ही आर.सी.पी सिंह को बाहर कर दिया जाएगा। उपेन्द्र कुशवाहा से जब पूछा गया कि चर्चा है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और आप (उपेन्द्र कुशवाहा) नहीं चाहते कि आर.सी.पी सिंह जेडीयू में रहें तो इस पर उन्होंने जो कहा उससे साफ है कि पार्टी किसी भी कीमत पर आर.सी.पी सिंह को बख्शने के मूड में नहीं है।

हालांकि, उपेन्द्र कुशवाहा इशारों में यह कहना भी नहीं भूलते कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कुछ लोगों ने जान-बूझकर नीतीश कुमार को कमजोर करने की कोशिश की थी। जिन्हें पार्टी की पूरी जिम्मेदारी दी थी, उन्होंने कितनी ईमानदारी से इसका निर्वहन किया था, यह चुनाव परिणाम बताता है।

जाहिर है, जेडीयू में आर.सी.पी सिंह को लेकर काफी गुस्सा है। मगर आर.सी.पी सिंह ने अपनी मेहनत और परिश्रम से आगे बढ़ने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया कि उनकी कृपा से उन्हें केंद्र में मंत्री पद मिला। आर.सी.पी सिंह के बयान से झलकता है कि उनकी बीजेपी से नजदीकियां हैं।

लेकिन, इस मुद्दे पर बीजेपी के नेता कुछ भी साफ-साफ बोलने से बचते दिखे और इसे जेडीयू का अंदरूनी मामला बता पल्ला झाड़ लिया। वहीं, आर.सी.पी सिंह के समर्थक उनको लेकर चल रही बयानबाजी से खासे नाराज हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद आर.सी.पी सिंह को जेडीयू का दूसरा सबसे बड़ा नेता बता कर उनके विरोधियों पर हमला बोला।

जेडीयू के तरफ से छोटे से लेकर बड़े नेता तक आर.सी.पी सिंह पर हमलावर हैं, और मौके की ताक में हैं कि आर.सी.पी सिंह कुछ ऐसा करें जिससे पार्टी उन पर कार्रवाई कर सके। वहीं, आर.सी.पी सिंह ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने गांव में डेरा डाल दिया है और पूरी तरह चुप्पी साध ली है। अब इंतजार इस बात का है कि आर.सी.पी सिंह अपने ऊपर हो रहे हमले पर किस तरह पलटवार करते हैं।
