बच्चे को ट्रेन में बैठा कर मां फरार:रेलवे चाइल्ड हेल्पलाइन ने पहुंचाया बालगृह

छपरा में एक कलयुगी मां का चेहरा सामने आया है। जिसने अपने बच्चे को पहले जमकर पीटा। फिर उसे ट्रेन में अकेला बैठाकर घर चली आई। बाद में छपरा जंक्शन पर टीटीई की बच्चे पर नजर पड़ी। जब उन्होंने पूछताछ की तो बच्चे ने कहा कि मैं मां के पास नहीं जाना चाहता है। वह बहुत मारती है। जिसके बाद टीटीई ने इस बात की सूचना रेलवे चाइल्ड लाइन को दी। चाइल्ड लाइन ने बच्चे को ट्रेन से बरामद कर उसे बाल कल्याण समिति भेजा दिया।

बच्चे ने पूछने पर कहा- मैं कलेक्टर बनना चाहता हूं, पीठ थपथपाकर डीएम ने दी शाबाशी | On being asked, the child said - I want to become a collector, DM congratulated

पूछताछ के दौरान बच्चे ने बताया कि मेरी मां ने मेरी बहुत पिटाई की और फिर मुझे ट्रेन पकड़ा दिया। मां बोली कि यहां से भाग जाओ और वापस मत आना। इतना कहने के बाद मैं रोने लगा। बच्चे ने कल्याण समिति को बताया कि वह मां के पास नहीं जाना चाहता। उसके पापा विदेश में है। जब आएंगे तब वह घर जाएगा। उक्त बच्चा गोपालगंज जिले के उच्च गांव निवासी है।

इस मामले में रेलवे चाइल्ड लाइन से घनश्याम भगत एवं अमित कुमार ने बताया कि उस बच्चे को ट्रेन से बरामद कर उसे बाल कल्याण समिति भेजा गया है। क्योंकि वह घर नहीं जाना चाहता था। बच्चा गोपालगंज जिले के उच्च गांव निवासी मुन्ना अली और शुभ तारा का 11 वर्षीय पुत्र दिलजान अली बताया गया है।बता दें कि करीब 3 वर्ष पूर्व उसके पिता कमाने के लिए विदेश चले गये। जिसके बाद से उसकी मां उसे प्रताड़ित करती रही है। इसी कारण हुआ बच्चा अपनी मां के पास जाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हुआ और उसे रेलवे चाइल्ड लाइन के द्वारा बालगृह भेज दिया गया।

इधर, दूसरे मामले में सोनपुर जंक्शन पर रेल पुलिस ने एक किशोरी को बरामद किया। वह डरी सहमी घूम रही थी। सअनि पवन कुमार एवं मआ निकिता तेलगेटे ने उस किशोरी को पकड़कर पूछताछ किया तो उसके द्वारा बताया गया कि वह डोरीगंज थाना क्षेत्र के डुमरी गांव निवासी प्रमोद कुमार की पुत्री रानी कुमारी है। उसे छपरा जंक्शन रेलवे चाईल्ड लाईन को सौंपा गया। काउंसलिंग के दौरान किशोरी के द्वारा बताया गया कि उसे उसकी मां के द्वारा ही ट्रेन में बैठा कर घर से भगाया गया है।

किशोरी से उसके घर का फोन नंबर लेकर फोन किया गया तो उन्होंने उसे साथ रखने से इंकार कर दिया। किशोरी के पिता जहां खेती किसानी करते हैं, वही मां घर में रहती है। उन्होंने बताया गया कि वह लड़की दिमाग से कमजोर है और हमेशा बीमार रहती है। वे उसे अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं। परिजनो द्वारा उसे साथ रखने से इंकार किए जाने पर किशोरी को बालिका गृह भेजा गया।

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