बिहार में आ’तंक के 3 मॉड्यूल एक साथ काम कर रहे थे, यूपी-बंगाल बॉर्डर से जुड़े इलाके थे टा’रगेट

पटना। भारत को द’हलाने के लिए आ’तंकी बिहार की जमीन को अपना नया अड्डा बना रहे हैं। इसके लिए 3 मॉड्यूल एक साथ काम कर रहे हैं। नेपाल बॉर्डर से दिल्ली तक आ’तंकी ग’लियारा तैयार किया जा रहा है।

 

तीनों संगठनों के काम करने का ट्रेंड तो अलग-अलग है, लेकिन टा’रगेट भारत को त’बाह करना है। त’बाही के मिशन पर काम करने वालों में आ’तंकी संगठन सिमी का अपडेट वर्जन भी शामिल है, जो PFI से जुड़े सं’दिग्ध लोगों से मिलकर अपने मं’सूबों को अंजाम दे रहे थे।

सबसे ख’तरनाक मकसद था फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल का। सिमी के पुराने सदस्यों की मदद से 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने के मकसद से पीएफआई (PFI) बिहार में अपने संगठन और नेटवर्क को मजबूत करने में लगा हुआ था। यहां से गि’रफ्तार अतहर परवेज को टैलेंट सर्च प्रोग्राम का काम सौंप गया था।

इसकी आड़ में डिबेट और सेमिनार विभिन्न मदरसों और अन्य जगहों पर होते थे, जिसके जरिए वैसे लोगों की तलाश की जाती थी जिनकी सोच क’ट्टरपंथी सोच से मिले। फिर उन लोगों का ब्रेन वॉश किया जाता था।

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