सावन के महीने में कांवरिया पथ पर यकीन मानिए मिल जाएंगे भोलेनाथ, जी हां सुनने में भले ही आपको आश्चर्य लग रहा होगा। लेकिन यदि आप कंवरिया पथ पर हैं। पैदल कावड़ यात्रा कर रहे हैं तो आपको जल उठाने के बाद तकरीबन 10 किलोमीटर चलने पर ही भगवान भोलेनाथ मिल जाएंगे।

दरअसल, भगवान भोलेनाथ का रूप का अवतार बनकर सुल्तानगंज के शिवनंदन पुर के कृष्णा कुमार हैं कृष्णा कुमार बचपन से ही भगवान शिव का रूप बनाकर रंगमंच की कलाकारी भी करते हैं। स्कूल के दिनों में भी कृष्ण शिव का रूप धारण करते थे, पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण कुछ नहीं कर पाए कृष्णा बताते हैं कि श्रावणी मेला को लेकर प्रतिदिन इन्हें ₹2000 मिल जाते हैं, जो इनकी कमाई हो जाती है।

बैधनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालु में महिलाएं और बच्चे इनके साथ सेल्फी लेते हैं कृष्णा बताते हैं की सपने में इन्हें भगवान शिव ने ऐसा करने को कहा है ताकि शिव के प्रति लोगों की आस्था बनी रहे नंदी की सवारी के साथ गले में सांप और नीलकंठ का रूप धारण किए हुए आपको भी एक नजर में भगवान शिव की मूर्ति नजर आएंगे।

भागलपुर जिले के शिवनंदन पुर गांव में रहने वाले कृष्णा आगे भी इसी रूप में रहना चाहते हैं कृष्णा की माने तो कमाई के साथ-साथ घर का खर्च भी निकल जाता है। फिलहाल 1 महीने सावन के मौके पर भोलेनाथ के इस रूप से कावड़िया पथ पर आने जाने वाले श्रद्धालु इन्हें सिम की नजरों से देखते हैं कृष्णा भी इस पहचान से जाने जाते हैं कोई इन्हें भोलेनाथ कहता है तो कोई हर हर महादेव बच्चे और महिलाएं मोबाइल में सेल्फी लेकरबोल बम के नारे के साथ आगे बढ़ जाते है।


