बगहा : रामनगर प्रखंड में पिछले वर्ष आई भयंकर बाढ़ गर्दी गांव की जमीन 15 फीट गहराई तक अपने साथ बहा ले गई। लेकिन, 300 साल पुराना 100 फीट गहरा कुआं टस से मस न हुआ और अपनी जगह पर टिका रहा। लेकिन यह कुंआ मंगलवार को धराशायी हो गया। लगातार बारिश के बाद जलस्तर में हुई वृद्धि के बाद नदी की धारा में खड़ा कुंआ डगमगाकर गिर पड़ा।

पिछले साल नदी के कटाव में बच गया था कुआं
पिछले साल बाढ़ के कहर में अपने अस्तित्व को बचाने वाला कुआं इस साल के बाढ़ के पहले प्रकोप को नहीं झेल पाया। लगभग 300 वर्ष से खड़ा कुंआ ताश के पत्तों के सामान पानी के तेज धारा में बह गया। पिछले वर्ष हरहा नदी के कहर से पूरा गांव विस्थापित हो चुका था। पर, एक कुआं अपने स्थान पर अडिग रहा। आश्चर्य की बात यह है कि इस कुएं के आसपास की करीब 15 फीट मिट्टी बाढ़ व बारिश के कारण बह चुकी थी। पर, यह कुआं यथावत खड़ा था। जो सैकड़ों पर पूर्व किए गए कार्यों की गवाही दे रहा था। दोन क्षेत्र के नौरंगिया पंचायत का गर्दी गांव भी पूरी तरह से तबाह हो गया था। गांव के करीब 40 की संख्या में परिवार विस्थापित हो गए थे।





