कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार की शाम हुए आ’तंकी ह’मले में सुपौल के मो. मुमताज की मौ’त हो गई। वह पिपरा प्रखंड के सखुआ गांव के निवासी थे। गुरुवार को उनकी मौ’त की सूचना के बाद पूरे गांव में को’हराम म’च गया। उसकी मां की हालत नाजुक है। घर से बहन की शादी के सपने सजोए निकले मो.मुमताज ने लौटने पर शादी की बात कही थी। उसकी इस बात को मां याद कर फू’ट-फू’टकर रो रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को हुए हमले में छातापुर के दो मजदूर भी घायल हो गए। दरअसल, सखुआ निवासी मो. जालो के दोनों बेटे मो. इब्राहिम और मो. मुमताज 06 माह पहले कश्मीर में मजदूरी करने गए थे। बड़ा भाई इब्राहिम श्रीनगर में राजमिस्त्री का काम करता है। जबकि छोटा भाई मो. मुमताज पुलवामा में रजाई बनाने का काम करता था। देर शाम पुलवामा में उसकी मौ’त हो गई। भाई की मौ’त की खबर सुन इब्राहिम भी पुलवामा अस्पताल पहुंच गया है। वहां से उसी ने घ’टना की जानकारी परिजनों को दी।
परिजनों ने कहा कि घर का सारा खर्चा मुमताज ही उठाता था। उसकी मौ’त के बाद परिजनों को अब रोजी रोटी की चिंता स’ताने लगी है। मुमताज ने बहन की शादी का जिम्मा भी खुद उठाया था।
कश्मीर जाने से पहले मुमताज ने कहा था कि इस बार दोनों भाई कमाकर लौटकर बहन की शादी करेंगे, लेकिन इस बीच घटना हो गई। मृ’तक के पिता मो. जालो को बेटी की शादी की भी चिंता सताने लगी है।
मृ’तक की मां ने कहा कि 5 दिन पहले उससे फोन पर बात हुई थी। हाल समाचार पूछ कर फिर फोन रख दिया। उसके बाद अचानक से मौ’त की खबर आई। परिजनों ने सरकार से मुमताज के श’व को घर भेजने और समुचित मुआवजा देने की मांग की।
