सीतामढ़ी का एक ऐसा डाकघर है जहां नियुक्त कर्मियों के द्वारा अपना कानून चलाया जाता है। दरअसल जिस परिवार के एक व्यक्ति की नौकरी डाकघर में लग गया। फिर वह अपने परिजनों को काम पर लगा देते हैं। हम बात कर रहे हैं सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के नगर पंचायत वार्ड नंबर 3 स्थित उप डाकघर का, जहां सरकार द्वारा नियुक्ति किए गए कर्मी अपनी ड्यूटी नहीं करते है। उस जगह पर अपने परिजन को काम करने के लिए भेज देते हैं।

डाक विभाग के इस लापरवाही की कुछ तस्वीर दैनिक भास्कर के हाथ लगी है। इसमें सरकार के द्वारा नियुक्त कर्मी के परिजन काम करते नजर आ रहे है। खास बात तो यह है कि यहां कार्यरत पोस्ट मास्टर भी इन सभी को संरक्षण देते है। आलम यह है कि उप डाकघर में सरकार के द्वारा वंदना कुमारी के नियुक्ति की गई है, जहां पति अजीत कुमार सिंह काम कर रहे है। दूसरा शान्ति देवी की जगह उनके देवर शिवशंकर साह कार्यरत है।

दोनों महिला कर्मियों की नियुक्ति उप डाकघर में पोस्टमैन के पद पर हैं। दोनों के जगह उनके परिजन काम कर रहे है। वहीं 7 साल पूर्व निलंबित हुए केदार कुमार के जगह एक अन्य विक्की कुमार नामक युवक काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि डाक सहायक आलोक कुमार रंजन के द्वारा विक्की कुमार को रखा गया है। इसकी कोई बहाली नहीं है और वह अवैध है। जब इसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा की जाति है तब उनसे बदसलूकी भी की जाती है।

इतना ही नही स्थानीय अवनीश कुमार का मोबाइल भी छीन लिया गया। इसके बाद इसकी सूचना थाना को दी गई। सूचना पर अपने दल बल के साथ पहुंचे बेलसंड थाना के एसआई अरुण कुमार गुप्ता ने मोबाइल दिलाया। अवैध रूप से काम करने वाले युवकों पर विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस संबंध में डाक घर के पोस्ट मास्टर से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। यहां तक कि जब फोन किया गया तो फोन भी रिसीव करना बंद कर दिया।



