बारिश में पानी को तरसता बिहार का जमुई : 2KM दूर से पानी लाने को मजबूर लोग, हैंडपंप बंद पड़े; नल-जल योजना भी फेल

जमुई। बारिश में भी बिहार का जमुई पानी के लिए तरस रहा है। यहां के गांवों में लोग पीने के पानी के लिए 2 किलोमीटर दूर जाते हैं। अपने सारे काम छोड़कर महिलाएं पानी भरने में लगी रहती हैं। लोग 3-4 घंटे सिर्फ पानी भरने में ही बर्बाद कर रहे हैं। यहां नल-जल योजना भी पूरी तरह से फेल हो चुकी है। हैंडपंप अब भी सूखे हैं।

दो घंटे जद्दोजहद के बाद पानी नसीब।हर घर में जल पहुंचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रॉजेक्ट माना जाता है।नल जल योजना के तहत बिहार सरकार ने हर घर नल जल योजना की शुरुआत की। लेकिन, जमुई के लक्ष्मीपुर प्रखंड के दिग्गी पंचायत के कोरियाटाड़ महादलित बस्ती में पहुंचते ही इस योजना ने दम तोड़ दिया है।

हाल यह है कि दो किलोमीटर दूर बहियार में एक कुएं से महिलाएं और बच्चियां पानी लाती हैं। जिससे परिवार के सारे लोगों की प्यास बुझती है। इस पानी को लाने में महिलाओं को हर दिन सुबह, दोपहर, शाम दो घंटे जद्दोजहद करनी पड़ती है। यह दुर्दशा लक्ष्मीपुर प्रखंड के दिग्गी पंचायत के कोरियाटाड महादलित गांव की है। यहां की आबादी 400 से अधिक है।

गांव की महिला सुखानी देवी, कंचन देवी, मनी देवी और अन्य बताती है कि मेरे दादा, परदादा भी पानी लाते लाते चले बसे। हमलोग भी बूढ़े होने वाले है, लेकिन गांव में पानी कभी नहीं आया। 2 KM चलकर पानी लाते हैं। मुखिया,सरपंच सिर्फ वोट लेने आते है। गांव में नल है पर पानी कभी नहीं आता है। गांव के पंच गौतम मांझी ने बताया कि पानी की समस्या है। मुखिया को आवेदन दिए गया पर कुछ नहीं हुआ।

गांव के बासुकी राम बताते है कि 2017 में पानी का टंकी लगाया गया। इससे कभी पानी बस्ती में आया ही नहीं। अधिकारी पदाधिकारी भी आए पर कोई पानी नहीं ला पाए। कुछ दिन पहले इस समस्या को लेकर जमुई डीएम साहब को आवेदन दिया गया है। गांव के मुखिया प्रदीप यादव ने फोन पर बताया की हम अभी नए है। पूर्व जनप्रतिनिधियों के द्वारा पानी का टावर लगाया गया था। जो सिर्फ देखने का रह गया है। जल्द ही समस्या का निवारण किया जाएगा।

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