जन्‍माष्‍टमी के दिन कान्‍हा को पहनाएं ये पोशाक, ऐसे करें श्रंगार, रहेगा शुभ फलदायी

नई दिल्‍ली : कल यानि शुक्रवार को श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का उत्‍सव मनाया जा रहा है. मथुरा में पैदा हुए श्रीकृष्‍ण का जन्‍मदिवस न केवल बृज क्षेत्र और मथुरा में बेहद भव्‍य तरीके से मनाया जाता है बल्कि देशभर में इस दिन को लेकर खास उत्‍साह होता है. जन्‍माष्‍टमी पर कान्‍हा के जन्‍म की खुशी में विभिन्‍न प्रकार के आयोजन और कृष्‍ण लीलाएं होती हैं. साथ ही सभी भक्‍तों की इच्‍छा यह जानने की भी होती है कि इस दिन कान्‍हा का जन्‍म होता है तो नन्‍हे कान्‍हा को क्‍या पहनाएं, कैसे उनका श्रंगार करें, किस चीज का भोग लगाएं जो कान्‍हा को सबसे ज्‍यादा प्रिय है?

श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पर घर पर कान्‍हा को शास्‍त्रीय परंपराओं के अनुसार पोशाक पहनाना और श्रंगार करना शुभ रहता है.

भगवान कृष्‍ण का जन्‍मस्‍थल होने के कारण श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव मथुरा श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि में विशेष रूप से मनाया जाता है. लिहाजा देशभर के लोग यहां की पूजा पद्धति और शास्‍त्रीय मर्यादाओं को अपनाते हैं. इस बार भी यहां कान्‍हा के जन्‍म के बाद उनकी पोशाक, श्रंगार, आरती और भोग परंपराओं के अनुसार लेकिन विशेष रहने वाला है. लिहाजा आप भी अपने घर में इसी तरह लड्डू गोपाल और कान्‍हा को पोशाक पहनाने के अलावा, श्रंगार और भोग लगा सकते हैं जो बेहद शुभ फलदायी रहेगा.

मथुरा जन्‍मभूमि में बाल कृष्‍ण की ये होगी पोशाक और ऐसा होगा श्रंगार

श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान सेवा संस्‍थान की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि इस बार कान्‍हा श्रीहरिकांता पोशाक पहनेंगे. ये पोशाक सिल्‍क, जरी और रेशम के धागों से बुनी हुई होती है. साथ ही पोशाक में मयूराकृति की थीम पर लता, पता, वृक्षपत्र, मनोरम बेल आदि आकृतियां बनी होती हैं. इस पोशाक को पहनाने के पीछे की वजह ब्रज की प्रकृति और कृष्‍ण को अति प्रिय वातावरण है.

इसके साथ ही इस दिन बाल कृष्‍ण का श्रंगार भी विशेष होता है. जन्‍मभूमि में इस दिन कान्‍हा को ब्रजरत्‍न मुकुट पहनाया जाएगा. नवरत्‍न जड़‍ित स्‍वर्णकंठा यानी मानी पहनाई जाएगी, कमर में करधनी, हार, हसली, कंठेश्‍वरी, कुंडल और तिलक के साथ ही छोटी सी बांसुरी दी जाएगी. इस दिन सारंग शोभा पुष्‍प बंगला बनाया जाएगा, जिसमें ठाकुरजी को विराजमान किया जाएगा.

घर पर बाल कृष्‍ण का ऐसे करें अभिषेक, पहनाएं ये पोशाक
श्री सेवाकुंज मंदिर के सेवायत मस्‍तराम बताते हैं कि जन्‍माष्‍टमी पर कान्‍हा या लड्डू गोपाल के श्रीविगृह का महाभिषेक किया जाता है. रात को ठीक 12 बजे लड्डू गोपाल का पंचामृत यानि गाय के दूध, दही, घी के साथ बूरा और शहद मिलाकर उससे महाभिषेक करें. कान्‍हा को पोशाक धारण और श्रंगार श्री कृष्‍ण जन्‍मस्‍थान संस्‍थान की परंपरा के अनुरूप करवाएं तो अति शुभ है. इसके अलावा इस दिन भगवान को सिल्‍क या रेशम से बनी पीले रंग की पोशाक पहना सकते हैं.

ऐसे करें श्रंगार, लगाएं ये भोग
बाल गोपाल को श्रंगार बेहद पसंद है और यही वजह है कि लड्डू गोपाल का श्रंगार बड़े ही मनोयोग से किया जाता है. इस दिन लड्डू गोपाल को केश, गले में पुष्‍प या मोतियों की माला, तिलक, कानों में कुंडल, पैरों में पैजनी, करधनी, मोरपंख वाला मुकुट, बंसी से सजाएं. साथ ही कान्‍हा को अति प्रिय माखन और मिश्री का जरूर भोग लगाएं.

इसके अलावा मेवा से बनी पाग, मेवे, नारियल, कूटू, गोंद और मिगी से बने लड्डुओं का भोग लगाएं. ये सभी चीजें कान्‍हा को विशेष प्रिय हैं.

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