भोजपुर में एक बेटे ने संपत्ति विवाद में मंगलवार की देर शाम अपने ही पिता की लाठी डंडे से मार-मार कर मौत की नींद सुला दिया है। घटना को लेकर आस पास के मोहल्ले में सनसनी फैली हुई है। सारा विवाद ढाई कट्ठा जमीन को लेकर बताया जा रहा है। दूसरी तरफ घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। आरोपी से घटना से संबंधित जानकारियां पुलिस ले रही है।

पूरा मामला जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के साहेब टोला का है। जहां साहेब टोला वार्ड नंबर-1 निवासी स्व चिरकुट यादव के 81 वर्षीय पुत्र रामायण सिंह की हत्या का आरोप उनके ही बेटे परमानंद सिंह पर लगा है। इस घटना में रामायण सिंह का छोटा बेटा सतेंद्र सिंह जख्मी है।

विवाद को लेकर सतेंद्र ने बताया कि सारा मामला बंटवारे को लेकर हुआ है। ढाई कट्ठा जमीन हमलोगों की है। घर का बंटवारा कोर्ट से हो चुका है। लेकिन हमारे बड़े भाई परमानंद सिंह बंटवारे से संतुष्ट नहीं थे। जिसको लेकर उन्होंने मंगलवार की शाम अपने बेटे बबलू और पत्नी चंद्रावती देवी हाथ में पीतल की बाल्टी और डंडा लेकर आए। बिना समय गंवाए उनसभी ने मेरे और मेरे पिता जी के ऊपर लाठी डंडे और पीतल की बाल्टी से मारने लगे।

उन्होंने बताया कि जब मेरे पिता जी मुझे बचाने आए तो उनको भी तीनों ने मिलकर बहुत पीटा। जिससे वो उसी समय बेहोश हो गए। फिर हमलोगों ने पिताजी को बिहिया पीएचसी में भर्ती करवाया। जहां उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि परमानंद का कहना था कि जमीन का आधा हिस्सा मुझे चाहिए और आधा हिस्सा में सबको मिले। दूसरी तरफ घटना की सूचना बिहिया पुलिस को दी गई। सूचना मिलने के बाद बिहिया पुलिस ने परमानंद को गिरफ्तार कर लिया है।

रामायण सिंह के दूसरी पत्नी का बेटा था परमानंद
बताया जा रहा है कि रामायण सिंह ने पहली शादी छठिया देवी से की थी। लेकिन कई वर्षो तक एक भी संतान नहीं होने पर पारिवारिक रजामंदी से रामायण सिंह ने दूसरी शादी बसिया देवी से की।
जिससे परमानंद जन्म हुआ। लेकिन दूसरी शादी और परमानंद के जन्म के बाद रामायण सिंह की पहली पत्नी छठिया देवी को पांच संतान हुए। जिसमें दो बेटे सतेंद्र सिंह, बिजेंद्र सिंह और तीन बेटी संजू देवी, मंजी देवी, गीता देवी है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले और आरोपियों की गिरफ्तारी करे।

