समस्तीपुर में जिले का बहुचर्चित गर्भाशय कांड में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने नए सिरे से मुआवजे की कवायद शुरू की है। इसको लेकर पीड़ितों को प्रखंडों में आवेदन करने को कहा गया है। 2013 में हुए गर्भाशय कांड के पीड़ित 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले पीड़ितों को 1.5 लाख रुपए व 40 वर्ष से कम उम्र वालों को 2.5 लाख रुपए दिया जाएगा।

जिला में यूटरस निकाले जाने वालों में 316 लड़कियां व महिलाएं शामिल थी। इसमें से 240 को पूर्व में 50-50 हजार रुपए की राशि दी गई थी। वहीं बांकी बचे हुए 76 पीड़ितों को नए निर्देश के अनुसार राशि दी जाएगी। वहीं पूर्व के 240 पीड़ितों में से 40 से अधिक उम्र वालों को एक लाख रुपए व 40 वर्ष से कम उम्र वालों को 2 लाख रुपए की अतिरिक्त व बढ़ी हुई राशि दी जाएगी। इसको लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की ओर से अंतरिम राहत व मुआवजा भुगतान के लिए 5.89 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। बताया गया कि सभी प्रखंडों में वास्तविक पीड़ित की पहचान व जांच पूरी कर उन्हें मुआवजा भुगतान का लाभ दिलाया जाएगा।

सीओ से संपर्क कर दें बैंक खाता व मोबाइल नंबर
गर्भाशय कांड के पीड़ितों को मुआवजा के लिए अपने क्षेत्र के सीओ से मिलकर अपना बैंक पासबुक के खाता संख्या, आईएफएससी कोड व आधार कार्ड की छायाप्रति मोबाइल नंबर क साथ जहां कराएं। सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक आकाश ने बताया कि सभी प्रखंडों में मौजूद गर्भाशय कांड के पीड़ित अपने सीओ से मिलकर समय पर संबंधित कागजात जमा करें। जिससे उन्हें जल्द भुगतान कराया जा सके।

जिला के पांच नर्सिंग होम पर हुई थी एफआईआर
2013 में पैसे की लालच में डॉक्टरों ने गलत ऑपरेशन कर महिलाओं का गर्भाशय निकाल दिया था। इसमें शहर सहित जिला के 7 निजी अस्पतालों की संलिप्तता उजागर हुई थी। इसमें पांच नर्सिंग होम पर एफआईआर दर्ज हुई थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के गोरखधंधे में शामिल नर्सिंग होम स्मार्ट कार्ड के तहत बीपीएल का करता था। जहां 6500 महिलाओं के गर्भाशय की सर्जरी का मामला उजागर हुआ था

हाल ही में हाईकोर्ट ने दिया है सीबीआई जांच का आदेश
समस्तीपुर समेत राज्य के अन्य जिलों में हुए गर्भाशय कांड को लेकर लंबी बहस के बाद पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है। जिसके बाद से इस कांड में बच रहे आरोपितों की गिरफ्तारी की उम्मीद बढ़ गई है गौरतलब है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से इस मामले में अब तक एक भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है पूर्व में कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक का आदेश लगाया था बाद के दिनों में मामला सीआईडी देख रही थी अब सीबीआई को जिम्मेवारी सौंपी गई है।


