डेंगू का प्रकाेप बढ़ा…3 निजी अस्पतालों में 14 भर्ती: निजी क्लिनिक और लैब में जांच कराने बड़ी संख्या में पहुंच रहे मरीज

पटना : डेंगू का प्रकोप शुरू हो गया है। पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शुक्रवार को पांच सैंपल की जांच में दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पिछले एक सप्ताह में यहां डेंगू के छह मरीज मिल चुके हैं।

मच्छर क्यों कुछ लोगों को दूसरों से ज्यादा काटते हैं, ये है वैज्ञानिक कारण... - Why Mosquitoes bite to some people more than other persons know scientific reason

पीएमसीएच और आईजीआईएमएस के वरीय डॉक्टरों के परिजन भी डेंगू से पीड़ित होकर घर में ही इलाज करा रहे हैं। पारस अस्पताल में 8, उदयन में 3 और मेदांता में 3 डेंगू मरीज भर्ती हैं। आईजीआईएमएस की ओपीडी में प्रतिदिन डेंगू के करीब 10 मरीज आ रहे हैं। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि दो दिन पहले तक दो मरीज भर्ती थे। अभी एक भी भर्ती नहीं है।

अधिकतर मरीज घर में इलाज करा रहे हैं। पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. कौशल किशोर ने कहा कि ओपीडी में डेंगू के लक्षण लेकर मरीज आ रहे हैं। जांच कराने पर कुछ पॉजिटिव भी मिल रहे हैं। पैथोलॉजिस्ट डॉ. प्रभात रंजन के मुताबिक लैब में जांच के लिए प्रतिदिन 10-15 सैंपल आ रहा है। इनमें करीब पांच पॉजिटिव निकल रहे हैं। डॉक्टरों के प्राइवेट क्लिनिक में भी प्रतिदिन पांच से आठ मरीज डेंगू के आ रहे हैं। विशेषज्ञों का भी कहना है कि डेंगू का प्रकोप नवंबर तक रहेगा।

पटना जिले के अनुमंडलीय अस्पतालाें के अधीक्षक-उपाधीक्षक को पत्र लिखकर डेंगू मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने और इलाज की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी रेफरल अस्पताल अाैर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्राें के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियाें को डेंगू की जांच और दवा की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया जा चुका है। सिविल सर्जन डॉ. केके सिन्हा ने बताया कि एएनएम और आशा को अपने क्षेत्र में डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने और लक्षण वाले मरीज की तलाश करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिला मलेरिया पदाधिकारी को प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में फाॅगिंग कराने का निर्देश दिया गया है।

अस्पतालों काे जांच-इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश

ये हैं लक्षण

पटना जिले के अनुमंडलीय अस्पतालाें के अधीक्षक-उपाधीक्षक को पत्र लिखकर डेंगू मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने और इलाज की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी रेफरल अस्पताल अाैर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्राें के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियाें को डेंगू की जांच और दवा की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया जा चुका है। सिविल सर्जन डॉ. केके सिन्हा ने बताया कि एएनएम और आशा को अपने क्षेत्र में डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने और लक्षण वाले मरीज की तलाश करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिला मलेरिया पदाधिकारी को प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में फाॅगिंग कराने का निर्देश दिया गया है।


ये हैं लक्षण

वरीय फिजिशियन डॉ. राजीव रंजन प्रसाद और पीएमसीएच के वरीय फिजिशियन डॉ. बीके चौधरी के मुताबिक, डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, पूरे शरीर में दर्द, शरीर में लाल दाने निकलना हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण मिले तो जांच करा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा नि:शुल्क है।

क्या है बचाव

डेंगू के मच्छर जमा साफ पानी में पैदा होते हैं। इसलिए घर या आसपास पानी जमा नहीं होने दें। कूलर, फूल के गमलों, फ्रिज के नीचे, किसी खाली पुराने में बर्तन में पानी जमा हाे ताे उसे साफ कर दें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। डेंगू के मच्छर सुबह से लेकर शाम तक ही काटते हैं। इसलिए दिन में भी मच्छरदानी या रिप्लेंट का इस्तेमाल करें। बुजुर्ग और बच्चों को दिन में भी पूरा कपड़ा पहनाकर रखें। क्या है इलाज डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं है। लक्षण के अनुसार इलाज हाेता है।

बीमारी तुरंत पकड़ में आ जाने और इलाज शुरू होने पर मरीज की स्थिति गंभीर नहीं होती। मरीज के प्लेटलेट्स की जांच कराते रहना चाहिए। यदि प्लेटलेट्स 20 हजार से कम हो जाए तो चढ़ाने की जरूरत होती है। दर्द की दवा नहीं लेनी चाहिए। पानी खूब पीना चाहिए। मरीज को मच्छरदानी के अंदर रहना चाहिए ताकि घर के अन्य सदस्य संक्रमित न हाें।

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