पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल के अधीन मुजफ्फरपुर जंक्शन एनएसजी-2 श्रेणी का स्टेशन है। यह स्टेशन रेलवे के सबसे अधिक कमाऊ स्टेशनों में शामिल है। लेकिन, सुविधाओं की उतनी ही घाेर कमी है। जंक्शन परिसर में गंदगी, जलजमाव और बेतरतीब पार्किंग आदि के बावजूद दैनिक यात्रियों की संख्या काफी अधिक है।

ऐसे में केंद्र सरकार ने जंक्शन के आधुनिकीकरण का निर्णय लिया। रेलवे ने अपनी विकास एवं निर्माण इकाई आरएलडीए काे इसका जिम्मा दिया। आरएलडीए जंक्शन पर काम करवा रहा है। ऑथोरिटी ने जंक्शन का माॅडल जारी किया है। विभाग के अनुसार अगस्त 2025 तक काम पूरे हाे जाएंगे।

ये होंगी सुविधाएं
ग्रीन बिल्डिंग के रूप में हाेगा विकसित, शोर, धूल व अन्य प्रदूषण हाेगा कम
बैटरी चार्जिंग समेत दिव्यांगाें के लिए रैंप, लिफ्ट, शौचालय, ब्रेल संकेत की रहेगी सुविधा
100% एक्सेस कंट्रोल, जांच के लिए होंगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर व बैगेज स्कैनिंग
टिकटिंग, बोर्डिंग-डी बोर्डिंग, वेटिंग समेत अन्य सूचनाएं
टिकट वेंडिंग मशीन, क्लाॅक रूम, बेबी चेंजिंग रूम आदि।

मुख्य विशेषताएं
स्टेशन भवन (जी+3) उत्तर की ओर पहली मंजिल पर 11 कमरे का अधिकारी विश्राम गृह; दूसरी मंजिल पर प्रतीक्षा कक्ष (13 संख्या) और 2 एसी छात्रावास (10 बिस्तर + 12 बिस्तर), क्लाॅक रूम, ब्रेस्ट फीडिंग रूम, क्रेच आदि।
सभी प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट, एस्केलेटर और एफओबी, स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों, कुम्हारों और बुनकरों के लिए भी होंगे कई स्टॉल।

53,563 औसतन यात्री यहां से हर दिन हाेते हैं विभिन्न ट्रेनों में सवार (2019-20 के आंकड़े)। 76,730 यात्रियों के आने-जाने की लगाई जा रही है अनुमानित संख्या 2025 में प्रतिदिन।
38365 हाेंगे कुल बोर्डिंग यात्री जबकि प्रतीक्षा सुविधा हाेगी कुल 40121 यात्रियों के लिए।

