झारखंड की उप राजधानी दुमका में लगातार हो रहे जघन्य अपराध से मुस्लिम समाज आहत है. 12वीं की छात्रा के बाद एक और नाबालिग की हुई हत्या की घटना के बाद मुस्लिम समाज के गणमान्य लोगों ने एक प्रेस बयान जारी किया है.

दोनों घटनाओं के आरोपियों को फांसी देने की मांग करते हुए दुमका के मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा है कि आये दिन हमारी बहन-बेटियों के साथ हो रहे दुष्कर्म और हत्या से दुमका ही नहीं पूरा देश नाराज और आक्रोशित है. इससे हमारे दुमका के साथ साथ पूरे समाज की भी बदनामी हो रही है.

दुमका की एक बेटी को जला कर मार देना, दुमका की ही बेटी को फांसी देकर लटका देना, यह एक जघन्य अपराध है. मुसलमान समाज के लोगों ने कहा है कि इस तरह की घटना कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. ऐसे अपराधियों को स्पेशल कोर्ट बिठाकर सात दिनों के अंदर फांसी की सजा दी जाये ताकि पूरे प्रदेश और देश में यह संदेश जाये कि अपराधी की कोई जाति-धर्म नहीं होती. दोषियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई हो और उनको ऐसी सजा मिले कि वो अगला अपराध करने से पहले 100 बार सोचे. ये मांग पूरे दुमका के लोग और हमारे मुस्लिम समाज के लोग करते हैं.

मुसलमान समाज द्वारा की गई मांगें
1. मुख्य आरोपी के साथ-साथ घटना में समलिप्त अन्य आरोपी की भी अविलंब गिरफ्तारी
2. आरोपी को फांसी की सजा हो
3. सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में हो
4. मृतक परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा राशि मिले
5. पीड़ित परिवार वालों एक सरकारी नौकरी मिले.

दुमका की बेटी को न्याय दिलाने के लिए पूरे दुमका को बंद रखने का भी समर्थन लोगों ने किया है. मुसलमान समाज के जिन लोगों ने ये मांग की है उनमें अंजुमन सदर परवेज़ अली, सेक्रेटरी शौकत अली, मो. सरफराज, मो.० शारीक, फिरदौस आलम, सलाउद्दीन, तबरेज़, मंजूर होदा, शमशेर, अब्दुल सलाम, इबरार अली शामिल थे.

मालूम हो कि झारखंड की उप राजधानी कहे जाने वाले दुमका में 12वीं की छात्रा को शाहरुख नाम के एक शख्स ने अपने दोस्त की मदद से जिंदा जलाकर मार डाला था. इस घटना को लेकर देश भर में गुस्सा है. इस घटना के बाद भी एक लड़की जो कि गर्भवती थी कि हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया था.



