गोपालगंज की 11 साल की सोनी को मददगार की तलाश:जन्म के बाद से बेड पर, उल्टे हैं हाथ -पैर, रीढ़ की हड्डी भी नहीं

गोपालगंज की 11 साल की एक बच्ची को मददगार की दरकार है। जन्म से ही उसके हाथ-पैर उल्टे हैं। रीढ़ की हड्डी भी नहीं है। इस वजह से वह बेड पर ही लेटी रहती है। आंसू बहाने के अलावा उसके पास और कोई काम नहीं है।

अपनी मां के साथ सोनी।बच्ची का परिवार काफी गरीब है। उसके मां-बाप के पास इतने रुपए भी नहीं हैं कि इस बीमारी का कोई इलाज करा सके। कहीं किसी बड़े अस्पताल में जा सके। लाचार परिजन विनती कर रहे हैं कि बच्ची की जिंदगी बनाने के लिए कोई आगे आए। उनकी मदद करें ताकि बच्ची सामान्य जीवन बिता सके।

11 साल की मासूम का नाम सोनी है। वह कुचायकोट प्रखंड के सिरिसिया गांव का रहनेवाली है। बच्ची के पिता शिवनाथ बैठा और मां कुंती देवी है। उनकी पांच बेटियांऔर दो बेटे हैं। सोनी सबसे छोटी है।

बाकी परेशानियों के साथ ही उसकी जुबान भी नहीं है कि किसी को अपना दुख बता सके। न ही खड़ी होकर इधर-उधर घूम सकती है। परिजनों द्वारा सपोर्ट देकर उसे उठाया-बैठाया जाता है। खाना-पीना सब बेड पर ही होता है। नित्यकर्म के लिए भी मां के ही सहारे है। मां कुंती देवी के अनुसार स्थानीय स्तर पर कई जगह उसका इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बच्ची के आंखों से गिरते आंसू को देखकर हर कोई एक बार भावुक हो जाता है। वजह कि उसके आंसुओं में वो दर्द छुपा रहता है, जिसे हर कोई समझ तो सकता है, लेकिन असहाय तौर पर देखने के सिवा कुछ नहीं कर सकता।

इस बारे में गोपालगंज सदर अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर व ऑर्थोपेडिक डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा कि गर्भ में शुरुआत के तीन माह में बच्चों का अंग विकसित होता है। उस वक्त कई वजहों से अंगों के बनने की प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है। कई कारण हैं, जैसे – मां अगर काफी बीमार हो, किसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हो, किसी वजह से प्रयाप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रहा हो या किसी दवा का सेवन किया हो।

उन्होंने कहा कि शरीर में किसी एक जगह समस्या होती तो उसे सर्जरी से ठीक किया जा सकता था। लेकिन इसके पूरे शरीर में इस तरह की समस्या है। इसका इलाज अब संभव नहीं है। उसे अब परिवार के प्यार और सेवा की जरूरत है।

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