डीएनए से पता चलेगा कौन सा बच्चा किसका:जयपुर में बच्चे की अदला-बदली, पुलिस करवाएगी DNA टेस्ट

जयपुर के सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय में बच्चे बदलने का मामला सामने आया है। हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही से हुए इस बदलाव के बाद विवाद इतना बढ़ गया है कि प्रशासन को बच्चों के माता-पिता को संतुष्ट करने के लिए उनका डीएनए टेस्ट करवाना पड़ेगा। डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही पता पता चलेगा की कौन सा बच्चा किस माता-पिता का है। हॉस्पिटल के डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह का ये पहला मामला है जब इसे सुलझाने के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जा रहा है।

हॉस्पिटल की सुप्रीटेंडेंट डॉ. आशा वर्मा ने बताया कि एक सितम्बर को जयपुर के घाटगेट निवासी रेशमा और करौली की रहने वाली निशा की डिलीवरी हुई। इस दौरान दोनों बच्चों के टैग को लेकर गफलत हो गई और बच्चों की अदला-बदली हो गई।

तीन दिन बाद यानी 3 सितम्बर शनिवार को हॉस्पिटल प्रशासन को अपनी गलती का पता चला तो उन्होंने दोनों बच्चों के परिजनों को इसकी सूचना दी। इस बात पर रेशमा के परिजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने बच्ची को लेने से इनकार कर दिया। इस विवाद के बाद दोनों नवजात बच्चों को हॉस्पिटल की नर्सरी में रखा गया और मामले को सुलझाने के लिए 6 डॉक्टर्स की एक कमेटी बनाई गई।

2 बार ब्लड टेस्ट के आधार पर निर्धारण, लेकिन मानने से इनकार
इस मामले को सुलझाने के लिए पहले तो हॉस्पिटल प्रशासन ने दोनों बच्चों और दोनों के माता-पिता के ब्लड का सैंपल लेकर उसकी जांच के आधार पर निर्धारित किया कि लड़का निशा का है और लड़की रेशमा की। ब्लड सैंपल की इस रिपोर्ट को रेशमा के परिजनों ने मानने से इनकार कर दिया।

उसके बाद जांच कमेटी ने दोबारा ब्लड सैंपल लेकर जांच करवाई, तब भी रिपोर्ट के आधार पर लड़की रेशमा की निकली और लड़का निशा का। हालांकि इस बार भी रेशमा के परिजनों ने बच्ची को अपनाने से मना कर दिया और डीएनए जांच की मांग करने लगे।

अब पुलिस को मामला सौंपा, डीएनए जांच होगी
डॉ. वर्मा ने बताया कि जांच कमेटी की ब्लड रिपोर्ट आने के बाद भी परिजन तैयार नहीं हुए तो कमेटी ने डीएनए जांच की सिफारिश कर दी। इसे देखते हुए हमने लालकोठी थाना पुलिस को मामला भेज दिया है और डीएनए टेस्ट भी अब पुलिस ही करवाएगी। डॉक्टर्स का कहना है कि विवाद को हल करने का अब डीएनए टेस्ट ही विकल्प है। आपातकालीन स्थित में यह जांच की रिपोर्ट 4-7 दिन में आएगी।

मदर मिल्क बैंक से दूध पी रहे हैं बच्चे
इस दौरान बच्चों को अब हॉस्पिटल प्रशासन की निगरानी में हॉस्पिटल स्थित नर्सरी में रखा गया है। जहां से दोनों बच्चों को मदर मिल्क बैंक से दूध पिलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि रेशमा के पहले से 2 लड़किया हैं, जबकि निशा का पहले से एक लड़का है।

 

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