मंडल कारा बांका के नाम बड़ी उपलब्धि:देश का पहला जेल, GK की किताबों में शामिल हुआ नाम

मंडल कारा बांका के नाम एक और शानदार उपलब्धी जुड़ गई है। बांका जेल की कहानी अब राज्य व देश स्तर पर बच्चों को पढ़ाई जा रही है। देश का यह पहला जेल है जहां कैदियों के लिए प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान शुरू किया गया है। इससे संबंधित प्रश्न अब जनरल नॉलेज की किताबों में भी है। पटना के कई कोचिंगों में तैयारी कराने वाले शिक्षक जानकारी छात्रों को दे रहे हैं। जिनका वीडियो वायरल हो रहा है।

बांका मंडल कारा में छापा, SDM और SDPO ने कैदियों के सभी वार्डों का लिया  जायजा

दरअसल, डिजिटल इंडिया अभियान से बांका जेल में बंद कैदियों को भी जोड़ा गया। सबसे पहले बांका मंडल कारा से इसकी शुरुआत की गई। जहां बंदियों को डिजिटल शिक्षा दी जा रही है। बांका जेल के करीब 250 कैदियों को दिया गया। अबतक करीब चार सौ बंदियों को डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

सीएससी प्रबंधक दे रहे जानकारी

बांका जेल में यह प्रशिक्षण सीएससी प्रबंधक प्रेम शंकर वत्स की देखरेख में दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डिजिटल सारक्षरता प्रशिक्षण में 14 से 60 वर्ष के साक्षर-असाक्षर सभी प्रतिभागी बन सकते हैं। मंडल कारा बांका से इसकी शुरुआत हुई है।

बांका मंडल कारा के जेल अधीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि कम्प्यूटर की जानकारी के साथ ही सरकारी योजनाओं, वित्तीय समावेशन की जानकारी, डीजी लॉकर आदि की जानकारी दी जाती है। इससे बंदी विधिवत सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर से पंजीकृत हो जायेंगे। जेल से निकलने बाद उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार आसानी से मिल जाएगा।

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