मौसम अच्छा होने से एक बार फिर चारधाम यात्रा के लिए लोग जाने लगे हैं। जहां एक हफ्ते पहले तक हर रोज पांच हजार यात्री ही चारधाम पहुंच रहे थे। वहीं, अब इस हफ्ते की शुरुआत से यह आंकड़ा 25 हजार से ज्यादा गया है। अब तक चार महीने में श्रद्धालुओं की संख्या 40 लाख पार पहुंच गई है, जो एक रिकॉर्ड है। इनमें सर्वाधिक 11 लाख श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे हैं। अभी डेढ़ महीने की यात्रा बची है। इससे पहले 2019 में सबसे ज्यादा 34 लाख श्रद्धालु चारधाम पहुंचे थे।

होटलों की बुकिंग हुई फुल
केदारनाथ पहुंचने के लिए यात्रियों को सोनप्रयाग में अपने वाहन पार्क करने पड़ते हैं। यहां से ट्रेक शुरू होता है। यहां 300 और 500 वाहन क्षमता वाली अलग-अलग पार्किंग है। बीते रविवार तक ये पार्किंग लगभग खाली थी, लेकिन अब पूरी तरह फुल हो चुकी है। यात्रियों की संख्या का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गुप्तकाशी से सीतापुर तक शाम पांच बजे लगा जाम रात 11 बजे खुला।

सोनप्रयाग में एक होटल के मालिक परीक्षित भंडारी का कहना है कि उनके होटल में दस कमरे हैं। बीते हफ्ते सभी खाली थे, लेकिन अब 30 अक्टूबर तक बुकिंग फुल है। इस साल मई-जून में जहां चारधाम मार्गों में मौजूद होटलों के कमरों के दाम आसमान छू रहे थे, वहीं अब सामान्य कमरे का किराया 1500 रुपए तक है।

मानसून के बाद ऑल वेदर रोड का हाल खराब है। हर 5 किमी पर कहीं न कहीं पहाड़ दरक कर सड़क पर गिरा है, जिससे ट्रैफिक जाम हो रहा है। ऋषिकेश से व्यासी तक चार जगह चट्टानें टूट कर सड़क तक आई हुई हैं, इससे कई जगह रास्ता संकरा हो गया है। सबसे ज्यादा डर और दिक्कत कौड़ियाला से तोताघाटी के बीच है, जहां अभी भी पत्थर गिर रहे हैं। वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो एसपी सती बताते हैं कि सड़कों की कटिंग के बाद उसके ऊपरी चट्टानों का ट्रीटमेंट नहीं किया गया है, इसके कारण हादसे हो रहे हैं।
खराब मौसम के चलते हेली कंपनियों ने सेवाएं रोक दी थीं। इस हफ्ते से 9 कंपनियों ने सेवाएं शुरू की हैंं और अब सितंबर तक बुकिंग फुल है। ये हवाई सेवा गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए है। इसका किराया 7500 रुपए प्रति व्यक्ति है।