क्या प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार में फिर सियासी सेटिंग करवा रहे पवन वर्मा!

पटना. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद लगातार बदलाव हो रहे हैं. नीतीश कुमार के पुराने साथी और जदयू से राज्यसभा सांसद रहे पवन वर्मा भी नीतीश कुमार के करीब आ रहे हैं. नीतीश कुमार से मिलने पटना पहुंचे पवन वर्मा को बिहार सरकार ने राजकीय अतिथि भी बनाया है. पवन वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से और चुनावी रणनीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर से भी सोमवार की शाम मुलाकात की थी. इन नेताओं की मुलाकात पर विहार में सियासत गरमा रही है.

जदयू के पूर्व राज्यसभा सांसद के पटना पहुंचने से सियासी हलचल बढ़ी.

पटना स्टेट गेस्ट हाउस में राजकीय अतिथि के तौर पर ठहरे हुए पवन वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मैंने मुलाकात की है. नीतीश कुमार के लिए मैंने अंबेसडर होते हुए फॉरेन सर्विस की नौकरी से त्यागपत्र दिया था. नीतीश कुमार के लिए मेरे दिल में स्नेह और सम्मान है. सिद्धांत के आधार पर CAA और एनआरसी के मुद्दे पर जदयू से मुझे निष्कासित किया गया था, उसके बाद भी हमारी मुलाकात नीतीश कुमार से होती रही है. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद में फिर से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो मैंने सोचा उन्हें बधाई दूं; इसलिए मैं पटना आया हूं.

देश भर में सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के नीतीश कुमार के मिशन से जुड़ने के सवाल पर पवन वर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं वह सराहनीय कार्य है. मेरा सहयोग इसमें क्या होगा इस पर नीतीश जी को और मुझे निर्णय लेना है. लेकिन, इस पर अभी बात नहीं हुई है. नीतीश जी अपने मुहिम में सफल हों मैं इसकी शुभकामना देने आया था.

जदयू में घर वापसी के सवाल पर पवन वर्मा ने कहा कि मैं फिर से जदयू में आऊंगा इस पर अभी फिलहाल कोई बातचीत नहीं हुई है. पवन वर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार का लक्ष्य आसान नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह जरूरी नहीं है कि देश भर के सभी विपक्षी नेताओं के मन में नीतीश कुमार के लिए सम्मान है.

पटना पहुंचने पर पवन वर्मा ने नीतीश कुमार के साथ-साथ प्रशांत किशोर से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर से भी मुलाकात हुई है, लेकिन उसे नीतीश कुमार से मिलाने का कोई औचित्य नहीं है.  प्रशांत किशोर मेरे करीबी हैं और उनसे मुलाकात और बातचीत होती रहती है. प्रशांत किशोर फिर से नीतीश कुमार के साथ आएंगे या नहीं आएंगे या फैसला उन्हें लेना है.

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