बिहार का सीवान देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है, लेकिन अब इसको प्रदूषित नगरों की फेहरिस्त से निकालने का जिम्मा यहां के लोगों और जनप्रतिनिधि ने उठाया है. जीरादेई के मुखिया अक्षय लाल साह अपने स्तर पर शुरुआत करते हुए पौधारोपण अभियान से लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
उनका कहना है कि यह छोटे स्तर से शुरू किया गया महत्वपूर्ण प्रयास है. अक्षय लाल साह ने बताया कि अभी उन्होंने अपने स्तर पर पौधारोपण का प्रयास शुरू किया है. भविष्य में सरकारी योजनाओं के तहत लोगों को जोड़ कर वृहद स्तर पर पौधारोपण योजना चलाने पर भी काम करेंगे.

अमेरिका के कैलिफोर्निया में मौसम की खतरनाक बानगी देखने को मिल रही है. यहां एक माह में ही मौसम के कई स्वरूप दिखाई दिए हैं जिसमें प्रचंड गर्मी, सूखा, भारी बरसात से बाढ़, जंगल में आग लगने की घटनाएं हुईं. यह जलवायु परिवर्तन के द्वारा मचाई जाने वाली तबाही का परिचायक है. आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन के पता नहीं कितने दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं?

यह दुष्परिणाम बिहार में भी कभी-कभी दिखाई पड़ जा रहा है. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि पौधारोपण जलवायु परिवर्तन की विभीषिका का सामना करने के लिए सबसे जरूरी उपाय है. इस संदर्भ में सीवान के जीरादेई पंचायत के मुखिया ने अपने स्तर पर वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत कर समाज को बेहतर संदेश दिया है.

उपहार में पौधे देने की परंपरा ने गति पकड़ी
पर्यावरण विशेषज्ञ बताते रहे हैं कि प्रदूषण के हर स्वरूप का समाधान पौधारोपण है. उपहार के तौर पर पौधे देने की परंपरा की शुरुआत के लिए पूर्व में पर्यावरणविद् सह शिक्षाविद गणेश दत्त पाठक के नेतृत्व में अभियान चलाया गया था. शहर के कई प्रबुद्धजनों ने विभिन्न अवसरों पर पौधों को उपहार में देने की परंपरा को अपनाया था. आखिर हो भी क्यों न, पौधे का उपहार स्नेह का सार भी होता है और प्रकृति का श्रृंगार भी.


