पितृपक्ष मेला: विष्णुपद स्थित सोलह वेदियों पर क’र्मकांड शुरू

गया: पितृपक्ष मेला-2022 परवान पर है। चार लाख से अधिक पिंडदानी गयाधाम आ चुके हैं। तिथि के अलावा मोक्षधाम की हर वेदियों पर भारी संख्या में तीर्थयात्री पिंडदान कर रहे हैं। पितृपक्ष के छठे दिन यानी आश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी को त्रिपाक्षिक कर्मकांड करने वाले पिंडदानियों की भीड़ विष्णुपद में रही। गुरुवार से विष्णुपद मंदिर परिसर में स्थित वेदियों पर त्रिपाक्षिक श्राद्ध शुरू हुआ।

पितृपक्ष मेला: विष्णुपद स्थित सोलह वेदियों पर कर्मकांड शुरू

मंदिर परिसर में स्थित सोलह वेदियों पर पिंडदान का विधान होने के कारण यहां 17 दिनी कर्मकांड करने वालों ने पितरों को मोक्ष दिलाने के निमित पिंडदान किया। अगले तीन दिन रविवार तक मंदिर में ही स्थित 19 वेदियों पर कर्मकांडियों की भीड़ रहेगी। पिंडदानियों की भीड़ विष्णुपद मंदिर से लेकर प्रेतशिला पहाड़ और बोधगया की वेदियों तक है। पितृपक्ष के सातवें दिन शुक्रवार को पिंडदानी विष्णुपद मंदिर परिसर में सोलह वेदियों में से पांच कार्तिकपद, दक्षिणाग्निपद, गार्हपत्याग्निपद, आह्वनीयाग्निपद व सूर्यपद वेदियों पर तीर्थयात्री पिंडदान करेंगे।

खीर से बने पिंड अर्पित कर पितरों के मोक्ष की कामना की

त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध रहे पिंडदानियों ने गुरुवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में स्थित सोलह वेदियों में तीन वेदियों पर खीर से बने पिंड को अर्पित कर पिंडदानियों ने पितरों को मोक्ष की कामना की। विष्णुपद, रूद्रपद और ब्रह्मपद वेदी पर कर्मकांड किया। पिंडदानियों की सबसे ज्यादा भीड़ सोलह वेदी और आसपास में बनी रही। यहां फिसलन के कारण पिंडदानियों को परेशानी हुई।

वेदियों पर पिंड के बाद पिंडदानियों ने विष्णुचरण के दर्शन और पूजन किए। श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल व सचिव गजाधर लाल पाठक ने कहा कि गुरुवार से सोलह वेदी पर पिंडदान शुरू हुआ है। त्रिपाक्षिक के अलावा एक और तीन दिनों का गयाश्राद्ध करने वालों भीड़ विष्णुपद मंदिर से लेकर वेदियों पर है।

विष्णुपद में अंदर से बाहर कामख्या मंदिर तक पिंडदानियों की कतार

तिथि होने के कारण गुरुवार को विष्णुपद इलाके में भीड़ ज्यादा रही। इस बार मंदिर में पुलिस प्रशासन की ओर कतार की अलग तरह की व्यवस्था की गई है। इस वजह से पिंडदानियों की भीड़ देर तक मंदिर परिसर में टिक जा रही है। मंदिर के निकास दरवाजे से लेकर पीछे दक्षिण हिस्से में जबर्दस्त भीड़ बन जा रही है। दायीं ओर से धूप घड़ी वाले एरिया में जाने रास्ता भी बंद कर दिया गया है। मंदिर से लेकर बाहर तक पिंडदानियों की कतार लगी रही। सुबह 10 बजे तक तीर्थयात्रियों की लाइन कामख्या मंदिर तक रही।

पिंडदानियों से पटा है गदाधर से लेकर संगत घाट

आश्विनी कृष्ण पक्ष पंचमी से पिंडदानियों की भीड़ और बढ़ गई है। 17 दिनी यानी त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वालों के अलावा सबसे ज्यादा एक दिन और तीन दिनी पिंडदान करने वालों की है। इस बार रबर डैम बनने के बाद फल्गु के लबालब भरे रहने के कारण पिंडदानियों की भीड़ घाट और मंदिर इलाकों में है। गदाधर, देवघाट, संगत घाट पर बने पंडाल पिंडदानियों से भरे हैं।

शंकराचार्य पार्क में भी मैदान से लेकर छत पर कर्मकांड के मंत्र गूंज रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक मोक्षदायिनी के घाट कर्मकांड के निमित किए गए वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज रहे हैं। गुरुवार को भी भारी संख्या में एक दिन का गया श्राद्ध करने वालों ने फल्गु, विष्णुपद सहित अन्य वेदियों पर पिंडदान के बाद अक्षयवट में जाकर सुफल लेकर पिंडदान संपन्न किया।

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