गया: मोक्ष नगरी के नाम से मशहूर बिहार के गया में 15 वें दिन पितृपक्ष महासंगम मेले में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं. श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पित्र दीपावली मनाई. देवघाट के सूर्य मंदिर के पास दीप जलाकर लोगों ने अपनो पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए कामना की. देश-विदेश से आये लोग अपने पितरों के लिए घी के दीये जलाते हैं, जिससे हजारों की संख्या में दीप जलने से पूरा देवघाट रोशनी से जगमग हो उठा. उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला. श्रद्धालुओं ने बताया कि हमने अपने पूर्वजों की खुशी, मोक्ष और शांति के लिए दीप जलाए.

परिजन अपनी श्रद्धा के मुताबिक जलाते हैं दिये
पित्र दीपावली का महत्व बताते हुए पुजारी राकेश शास्त्री ने कहा कि इस दिन जजमान के साथ पितृ दीपावली मनाने आते हैं. उनके परिजन अपनी श्रद्धा के मुताबिक उन्हें एक हजार, पांच सौ या एक सौ आठ दीप जलाकर पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पित करते हैं. जिससे कि उन्हें यमलोक से सीधे स्वर्गलोक पहुंचाया जा सके. उन्हें मोक्ष प्राप्ति हो सके.

14 वें दिन त्रयोदशी तिथि को पित्र दीपावली मनाई जाती है
मान्यता है कि पितरों के प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष के 14वें दिन त्रयोदशी तिथि को पितरों की याद में पित्र दीपावली मनाई जाती है. जिसमें दीपक जलाकर पितरों को प्रसन्न किया जाता है. पितर प्रसन्न होकर आर्शीवाद देते हैं. ज्ञात हो कि गया में इन दिनों पितृपक्ष मेला लगा है. यहां देश-विदेश से श्रद्धालुओं पितरों को पिंडदान देने के लिए आते हैं.





