पटना: सोमवार को पीएमसीएच का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है. अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों द्वारा मरीज के परिजनों को पीटने का वीडियो सामने आ गया है. सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि किस प्रकार जूनियर डॉक्टर मरीज के परिजनों को बुरी तरह से पीट रहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है और इस मामले में पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन ने भी अपनी तरफ से जांच शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सचिव कौशल किशोर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है. इस कमेटी को 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौपना है और जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करेगा. यह कमेटी स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा बनाई गई है.

जूनियर डॉक्टरों को फटकार
वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जूनियर डॉक्टरों को फटकार लगाई है, हालांकि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों के मांग पर भी उन्हें आश्वस्त किया है कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा जिसमें जूनियर डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर मांग रखी थी. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने अपने हड़ताल की समाप्ति की घोषणा कर दी है.

क्या है मामला
दरअसल बुधवार रात 70 वर्षीय मरीज को पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया गया था, जहां मरीज की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही और समय पर इलाज नहीं शुरू करने का आरोप लगाया जिससे विवाद बढ़ गया. इसके बाद डॉक्टर और मृतक के एक परिजन में हाथापाई होती है और कुछ ही देर में वार्ड में मौजूद जूनियर डॉक्टर एकजुट होते हैं और बेरहमी से मृतक के दोनों परिजनों को दौरा-दौरा कर पीटते हैं.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की सफाई
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा है कि वह मानते हैं कि झड़प हुई है लेकिन झड़प दोनों तरफ से हुई है. परिजनों ने डॉक्टर के साथ गाली-गलौज किया, बाहरी लोगों को बुलाकर जान से मारने की धमकी दी और फिर मारपीट शुरू की जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से मारपीट हुई. जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि घटना के अगले दिन गुरुवार को अस्पताल के जीवक हॉस्पिटल पर कुछ लोगों द्वारा पथराव किया गया.
अब देखना है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से जो जांच सामने आता है उसमें क्या निकलता है और स्वास्थ्य विभाग की कमी की क्या जांच करती है और इसके बाद आगे क्या कार्रवाई किया जाता है. कहीं ना कहीं पीएमसीएच का यह वीडियो जब से वायरल हुआ है, लोगों में चिकित्सकों के प्रति जो आस्था रहती है उसे काफी ठेस पहुंची है और पीएमसीएच में इलाज के लिए आने से लोग कतराने लगे हैं.



